Vikat Sankashti Chaturthi: आज चंद्रमा को अर्घ्य देने से मिलेगी मानसिक शांति

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 27 Apr, 2024 07:48 AM

गौरी पुत्र गजानन को रिद्धि-सिद्धि का दाता कहा जाता है। सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि भगवान गणेश जी को समर्पित है। इनकी कृपा से बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है। करियर में हर कठिनाई को पार करने की

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Vikat Sankashti Chaturthi 2024: गौरी पुत्र गजानन को रिद्धि-सिद्धि का दाता कहा जाता है। सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि भगवान गणेश जी को समर्पित है। इनकी कृपा से बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है। करियर में हर कठिनाई को पार करने की शक्ति मिलती है। ऐसे ही वैशाख माह के कृष्ण पक्ष के चौथे दिन विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाता है। इस दिन बप्पा का विधि-विधान से पूजन किया जाता है। साल 2024 में संकष्टी चतुर्थी कब पड़ रही है और पूजन विधि तो आईए जानते हैं-

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आज का पंचांग- 27 अप्रैल, 2024

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Vikat Sankashti Chaturthi: आज है विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

आपका राशिफल- 27 अप्रैल, 2024

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वैदिक पंचांग के अनुसार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 27 अप्रैल 2024 को सुबह 08 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 28 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 21 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत 27 अप्रैल 2024 को रखा जाएगा। इस दिन भगवान गणेश का पूजन किया जाता है और पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 22 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 01 मिनट तक रहेगा। विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन भर व्रत रखने के बाद रात को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करते हैं। विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन चंद्रोदय रात 10 बजकर 23 मिनट पर होगा।

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हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है और कहते हैं कि विकट सकंष्टी चतुर्थी के दिन यदि विधि-विधान से भगवान गणेश की अराधना की जाए तो सभी संकटों से छुटकारा मिलता है। साथ ही गणेश जी अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस दिन चंद्रमा के पूजन का भी विधान है और शास्त्रों के अनुसार चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र दोष समाप्त होता है और व्यक्ति को मानसिक शांति प्राप्त होती है। भविष्य पुराण में भी कहा गया है कि विकट संकष्टी गणेश चतुर्थी का व्रत करने से हर तरह के कष्ट दूर होते हैं और धर्म, अर्थ, मोक्ष, विद्या, धन और आरोग्य मिलता है। वैशाख माह के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को चंद्रमा को अर्घ्य देने से संतान सुख मिलता है।

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Vikat Sankashti Chaturthi puja vidhi विकट संकष्टी चतुर्थी की पूजन विधि
विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन ब्रह्मा मुहृत में उठें और दिन की शुरुआत भगवान गणेश जी के ध्यान से करें।
अब स्नान कर सूर्य देव को जल अर्पित करें।
इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई करें और एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर गणेश जी की मूर्ति विराजमान करें।
अब गणेश जी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें और देसी घी का दीपक जलाकर गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना और आरती करें।
साथ ही गणेश चालीसा और मंत्रों का जाप करें।
अब भोग के रूप में गणेश जी को प्रिय मोदक या तिल का लड्डूओं का भोग लगाएं।
संध्या के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत पूरा करें।

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