Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Sep, 2017 11:46 AM
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को कहा कि सरकार के लिए म्यामां से भागे रोहिंग्या मुसलमानों को किसी प्रकार की छूट की पेशकश करना मुश्किल होगा।
पटना: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को कहा कि सरकार के लिए म्यामां से भागे रोहिंग्या मुसलमानों को किसी प्रकार की छूट की पेशकश करना मुश्किल होगा।
पटना के ज्ञान भवन में आयोजित पार्लियामेंटेरियन कॉन्क्लेव को सम्बोधित करते हुए नकवी ने कहा कि यह मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है और सरकार भी इस मामले को देख रही है। ऐसे में जब उनके देश ने उन्हें अपने यहां रखने से इंकार कर दिया है, मुझे नहीं लगता कि हम रोहिंग्या मुसलमानों को कोई छूट दे पाएंगे।
गत 4 सितंबर को उच्चतम न्यायालय ने अवैध रोहिंग्या मुसलमान शरणार्थियों को लेकर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मुद्दे पर सरकार का रुख जानना चाहा। न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख आगामी 11 सितंबर निर्धारित की है। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजु ने गत मंगलवार को कहा था कि रोहिंग्या लोग अवैध शरणार्थी हैं और उन्हें निर्वासित किया जाएगा।
म्यांमा की सेना के कथित हिंसक हमलों की वजह से पश्चिमी राखिन प्रांत से रोहिंग्या मुसलमानों को भारत और बांग्लादेश जैसे देशों में भागकर शरण लेनी पड़ी है। पहले हुई हिंसा के बाद भागकर भारत पहुंचे रोहिंग्या शरणार्थी जम्मू, हैदराबाद, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली एनसीआर और राजस्थान जैसे राज्यों में बस गए हैं।