‘आखिर भारत क्यों नहीं कर सकता तीन तलाक का विनियमन’

Edited By ,Updated: 14 Oct, 2016 06:17 PM

three divorce regulation

एक साथ तीन तलाक के मुद्दे पर केंद्र का बचाव करते हुए कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि जब एक...

पटना: एक साथ तीन तलाक के मुद्दे पर केंद्र का बचाव करते हुए कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि जब एक दर्जन से अधिक इस्लामी देश कानून बनाकर इस चलन का विनियमन कर सकते हैं तो भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश के लिए इसे किस प्रकार गलत माना जा सकता है। उनकी टिप्पणी इस चलन पर उच्चतम न्यायालय में केंद्र के हलफनामा का ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा विरोध किए जाने के एक दिन बाद आया है।
 

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग की चर्चा का भी बहिष्कार किया। प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पाकिस्तान, ट्यूनीशिया, मोरक्को, ईरान और मिस्र जैसे एक दर्जन से ज्यादा इस्लामी देशों ने एक साथ तीन तलाक का विनियमन किया है। अगर इस्लामी देश कानून बनाकर चलन का विनियमन कर सकते हैं, और इसे सीरिया के खिलाफ नहीं पाया गया है, तो यह भारत में कैसे गलत हो सकता है, जो धर्मनिरपेक्ष देश है।


मंत्री ने हालांकि समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि विधि आयोग इस पर विचार कर रहा है और उसने समाज के विभिन्न तबकों से राय मांगी है। उन्होंने कहा कि चूंकि यह उनके विचाराधीन है, इसलिए उन्हें कोई टिप्पणी नहीं करनी है। भारत के संवैधानिक इतिहास में पहली बार सात अक्टूबर को केंद्र ने मुस्लिमों में बहुविवाह, निकाह हलाला और एक साथ तीन तलाक के चलन का उच्चतम न्यायालय में विरोध किया था।
 

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