Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jan, 2018 12:55 PM
रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली (एफ.एम.सी.जी.) कंपनियां चाहती हैं कि आगामी बजट ग्रामीण बाजारों पर केंद्रित हो जिससे वेतन-मजदूरी में गिरावट को रोका जा सके। उनका कहना है कि बजट में नीतियां अधिक रोजगार सृजन और व्यक्तिगत आयकर स्लैब में कटौती पर...
नई दिल्लीः रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली (एफ.एम.सी.जी.) कंपनियां चाहती हैं कि आगामी बजट ग्रामीण बाजारों पर केंद्रित हो जिससे वेतन-मजदूरी में गिरावट को रोका जा सके। उनका कहना है कि बजट में नीतियां अधिक रोजगार सृजन और व्यक्तिगत आयकर स्लैब में कटौती पर केंद्रित होनी चाहिएं ताकि उपभोक्ताओं को अधिक खरीद क्षमता मिल सके।
एफ.डी.आई. बढ़ाने के हों प्रयास
इसके अलावा उद्योग ने भंडारगृह तथा शीत भंडारण शृंखला को प्रोत्साहन देने पर जोर दिया है। साथ ही उद्योग चाहता है कि इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ.डी.आई.) बढ़ाने के प्रयास होने चाहिएं। गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी विवेक गंभीर ने कहा, ‘‘ग्रामीण मजदूरी नीचे आ रही है और अपर्याप्त रोजगार सृजन की वजह से वृद्धि में गतिरोध और खर्च योग्य आय में वृद्धि सुस्त है।’’
कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए केंद्रित प्रयास हों
उन्होंने बजट को लेकर अपनी अपेक्षा बताते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए केंद्रित प्रयास होने चाहिएं और किसानों के हाथ में अधिक धन के लिए सबसिडी बेहतर तरीके से लक्षित होनी चाहिए। ईवाई के कर भागीदार प्रशांत खाटोर ने कहा कि सरकार को ऐसी नीतियां लानी चाहिएं ताकि उपभोग बढ़ाया जा सके। व्यक्तिगत आयकर में कमी होनी चाहिए जिससे लोगों के हाथ में अधिक खर्च योग्य आय आ सके। इसी तरह की राय जताते हुए गंभीर ने कहा कि आयकर स्लैब में कमी से मध्यम वर्ग और वेतनभोगी वर्ग को राहत मिलेगी।