Edited By ,Updated: 22 Feb, 2017 11:39 AM
देश में आवास की समस्या को सुलझाने में ‘प्री कास्ट इंजीनियरिंग’ तकनीक को बढ़ावा देना एक कारगर युक्ति हो सकती है। यह बात प्री इंजीनियर स्ट्रक्चर सोसायटी ऑफ इंडिया (पेप्सकॉन) के एक सेमिनार
नई दिल्लीः देश में आवास की समस्या को सुलझाने में ‘प्री कास्ट इंजीनियरिंग’ तकनीक को बढ़ावा देना एक कारगर युक्ति हो सकती है। यह बात प्री इंजीनियर स्ट्रक्चर सोसायटी ऑफ इंडिया (पेप्सकॉन) के एक सेमिनार में कही गई। सोसायटी के दावे के अनुसार इससे भवन निर्माण की गति को 5 गुना तक बढ़ाया जा सकता है। सोसायटी की विज्ञप्ति के अनुसार उसके अध्यक्ष पी. सूर्यप्रकाश ने शुरू हुए दो दिन के एक सम्मेलन में कहा कि अभी ‘सबको आवास’ योजना चल रही है लेकिन सरकार की इस योजना की गति 300 आवास प्रतिदिन बनाने की है। यदि सरकार प्री कास्ट इंजीनियरिंग तकनीक को बढ़ावा दे तो इसे बढ़ाकर 1500 आवास प्रतिदिन किया जा सकता है। इस सम्मेलन में भारत सरकार के निर्माण से जुडे अधिकारी और इंजीनियर हिस्सा ले रहे हैं।
सूर्यप्रकाश ने कहा कि इस तकनीक को बढ़ावा देने के लिए सरकार को इससे जुड़े करों में राहत देनी चाहिए। प्री कास्ट इंजीनियरिंग में भवन निर्माण के हिस्सों की पहले से ढलाई कर ली जाती है और बाद में उन्हें निर्माण स्थल पर ले जाकर आपस में जोड़ दिया जाता है।