Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 10:23 AM
देश भर में नमक की सप्लाई पर असर पड़ सकता है। इस तरह की अटकलें रेलवे के एक फैसले के बाद लगाई जा रही हैं। रेलवे बोर्ड ने गुजरात से आने वाले कंटेनरों की संख्या में कटौती का फैसला लिया है। पहले गुजरात से हर महीने 150 कंटेनर आते थे, लेकिन अब 90 कंटेनर ही...
नई दिल्लीः देश भर में नमक की सप्लाई पर असर पड़ सकता है। इस तरह की अटकलें रेलवे के एक फैसले के बाद लगाई जा रही हैं। रेलवे बोर्ड ने गुजरात से आने वाले कंटेनरों की संख्या में कटौती का फैसला लिया है। पहले गुजरात से हर महीने 150 कंटेनर आते थे, लेकिन अब 90 कंटेनर ही गुजरात से आएंगे।
हर साल करीब 2.6 करोड़ टन नमक का उत्पादन
गुजरात हर साल करीब 2.6 करोड़ टन नमक का उत्पादन करता है, जिसमें से 80.90 प्रतिशत एक्सपोर्ट कर दिया जाता है। करीब 50 लाख टन का इस्तेमाल इंडस्ट्रियों में होता है और बाकी का इस्तेमाल खाने के लिए होता है। नमक उत्पादकों का कहना है कि नमक की कम सप्लाई की वजह से दामों में कृत्रिम वृद्धि भी देखने को मिल सकती है।
कच्छ, सुरेंद्रनगर और पाटन से आता है 2500 टन नमक
यू.पी. के मुजफ्फरनगर के रहने वाले एक खरीदार सुरेश कुमार जैन ने बताया, ‘‘हम नमक की गंभीर कमी का सामना कर रहे हैं। यदि समय रहते स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होता है तो हमें दाम बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।’’ रेलवे बोर्ड ने करीब 15 दिन पहले गुजरात के मैन्युफैक्चरर्स को गुजरात से आने वाले रैक की कमी की जानकारी दे दी है। गुजरात के कच्छ, सुरेंद्रनगर और पाटन से एक रैक करीब 2500 टन नमक लेकर आता है। इसके बाद इसे मध्य प्रदेश, यू.पी., बिहार, झारखंड और देश के दूसरे हिस्सों में सप्लाई किया जाता है।