चंडीगढ़ के पास नहीं है बजट इसलिए अब यू.के. करेगा इन्वैस्ट

Edited By ,Updated: 13 Feb, 2016 02:59 AM

chandigarh does not have a budget so the uk will invast

सोलर एनर्जी जैनरेट करने के मामले में चंडीगढ़ अब पूरी दुनिया के सामने एक बार फिर भारत को रिप्रैजैंट करेगा। यूनाइटिड किंगडम (यू.के.) में 18 और 19 फरवरी को ब्रिटिश हाई कमीशन द्वारा यू्.के. ट्रेड एंड इन्वैस्टमैंट और प्राइस वाटर हाऊस कूपर्स के सहयोग से...

चंडीगढ़, (विजय) :  सोलर एनर्जी जैनरेट करने के मामले में चंडीगढ़ अब पूरी दुनिया के सामने एक बार फिर भारत को रिप्रैजैंट करेगा। यूनाइटिड किंगडम (यू.के.) में 18 और 19 फरवरी को ब्रिटिश हाई कमीशन द्वारा यू्.के. ट्रेड एंड इन्वैस्टमैंट और प्राइस वाटर हाऊस कूपर्स के सहयोग से भारत के 100 गीगावाट सोलर स्केल-अप प्लान को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोग्राम आयोजित किया जाएगा। जिसमें चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार विजय कुमार देव भी भाग लेने पहुंचेंगे। जहां एक ओर प्रशासनिक अधिकारी इसे शहर के लिए गर्व का विषय बता रहे हैं वहीं, एक सच्चाई यह भी है कि चंडीगढ़ रिन्यूअल एनर्जी, साइंस एंड टैक्नोलॉजी प्रोमोशन सोसायटी (क्रेस्ट) के पास इतना बजट भी नहीं है कि वह आगामी वित्त वर्ष में अपना टारगेट पूरा कर पाए। प्रशासन ने एक बार फिर के्रस्ट को केवल 10 करोड़ रुपए का बजट देने का प्रावधान किया है। मगर इस बजट में क्रेस्ट केवल 2 मैगावाट सोलर एनर्जी ही जैनरेट कर पाएगा। जबकि हर साल चंडीगढ़ को 5 मैगावाट का टारगेट दिया गया है। हालात यही रहे तो जल्द ही चंडीगढ़ को मॉडल सोलर सिटी बनाने का ख्वाब केवल ख्वाब ही बनकर रह जाएगा।

12.50 करोड़ भी नहीं क्रेस्ट के पास

आलम यह है कि क्रेस्ट के पास प्रोजैक्ट है और जगह भी है लेकिन इतना बजट नहीं है कि इन प्रोजैक्ट्स के जरिए शहर की सोलर एनर्जी में इजाफा किया जा सके। जिसका उदाहरण है सैक्टर-39 के वाटर वक्र्स में दो मैगावाट का प्रोजेक्ट। इसके लिए क्रेस्ट की ओर से फाइनांशियल बिड भी खोली जा चुकी है लेकिन लगभग 12.50 करोड़ रुपए के इस प्रोजैक्ट के लिए के्रस्ट के  पास उचित बजट भी नहीं है। सूत्रों के अनुसार इस समय क्रेस्ट के पास केवल 2 करोड़ रुपए का ही बजट बचा है। यही नहीं, आगामी वित्त वर्ष में भी यह प्रोजैक्ट सिरे नहीं चढ़ पाएगा। क्योंकि क्रेस्ट को फिर से 10 करोड़ रुपए ही दिए जाने की तैयारी चल रही है।

2022 तक 100 मैगावाट का टारगेट

मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूअबल एनर्जी (एम.एन.आर.ई.) की ओर से चंडीगढ़ को 2022 तक के लिए 100 मैगावाट का टारगेट दिया गया है। यानि चंडीगढ़ को 2022 तक 100 मैगावाट सोलर एनर्जी जैनरेट करनी पड़ेगी। जिसके लिए अब प्रशासन उन बड़े इंस्टीच्यूट और ट्रांसपोर्ट एरिया की छत्त पर रूफटॉप लगाने की प्लानिंग कर रहा है जिसके जरिए यह टारगेट पूरा हो सके। द एनर्जी एंड रिसोर्सिज चंडीगढ़ (टेरी) इससे पहले ही अपने सर्वे में बता चुका है कि चंडीगढ़ में रूफटॉप से सोलर एनर्जी जैनरेट करने की क्षमता 250 मैगावाट तक की है। इसलिए चंडीगढ़ सोलर सिटी के तौर पर जल्दी ही डिवैल्प हो सकता है। यही वजह है कि अब क्रेस्ट प्राइवेट घरों में भी रूफटॉप लगाने के लिए शहर के लोगों को विशेष सहयोग दे रहा है लेकिन जब तक बजट पूरा नहीं होगा तब तक कोई भी प्रोजैक्ट सिरे नहीं चढ़ पाएगा।

केवल 3 शहरों को चुना

भारत सरकार की ओर से इस प्रोग्राम में भाग लेने के लिए केवल तीन शहरों को चुना गया है। इनमें न्यू एंड रिन्यूअबल एनर्जी डिवैल्पमैंट कॉर्पोरेशन आंध्र प्रदेश मैनेजिंग डायरैक्टर कमलाकर बाबू और पंजाब एनर्जी डिवैल्पमैंट एजैंसी के डायरैक्टर अमरपाल सिंह के भी नाम शामिल हैं। इस दो दिवसीय प्रोग्राम के दौरान भारत के सोलर सैक्टर में यू.के. के इन्वैस्टर को भारत में सोलर एनर्जी में इन्वैस्ट करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। प्रोग्राम के दौरान यू.के. के लीडिंग फाइनांशियल सैक्टर प्लेयर्स के साथ राऊंड टेबल मीटिंग भी होगी। इस दौरान एक वर्कशॉप भी होगी जिसमें बताया जाएगा कि भारत की मौजूदा मार्कीट में किस तरह के मौके हैं।

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