Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Mar, 2018 04:31 PM
अंग्रेजों के जमाने से चलते आ रहे ई-मीजरमैंट बुक सिस्टम को हरियाणा में सबसे पहले सी.एम. के अपने डिपार्टमैंट में बंद तो कर दिया गया लेकिन इस सिस्टम में अभी एक ओर जहां कई खामियां सामने आ रही हैं, वहीं एच.एस.वी.पी. के अधिकारियों के साथ-साथ ठेकेदार भी...
पंचकूला (आशीष):अंग्रेजों के जमाने से चलते आ रहे ई-मीजरमैंट बुक सिस्टम को हरियाणा में सबसे पहले सी.एम. के अपने डिपार्टमैंट में बंद तो कर दिया गया लेकिन इस सिस्टम में अभी एक ओर जहां कई खामियां सामने आ रही हैं, वहीं एच.एस.वी.पी. के अधिकारियों के साथ-साथ ठेकेदार भी इसे पूरी तरह से अपना नहीं पा रहे हैं।
इसके चलते एच.एस.वी.पी. की ओर से इस सिस्टम को रिव्यू किया जाएगा। इसके लिए अधिकारिक लैवल पर बैठकें की जा रही हैं। असल में सड़कों की मुरम्मत से लेकर न्यू वर्क, बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन से लेकर ब्रिज बनाने तक हर वो काम जिसे हुडा की इंजीनियरिंग विंग करती है, इन सभी प्रोजैक्ट्स वर्क में अब जे.ई. से लेकर एस.डी.ओ. या फिर एक्सियन और आला अधिकारी मैटीरियल से छेड़छाड़ नहीं कर पाएंगे। इसी नीयत से इस सिस्टम को शुरू किया गया है।
ये होता है ई-मीजरमैंट बुक
असल में पुराने जमाने से सभी डिपार्टमैंट्स में कंस्ट्रक्शन वर्क के दौरान कोई भी काम करवाने, उसका एस्टीमेट बनाने से लेकर बजट अप्रूवल करवाने, उसकी पेमैंट करने सहित सभी काम करने के लिए मीजरमैंट बुक का इस्तेमाल किया जाता है। इस दौरान ठेकेदार के काम को एच.एस.वी.पी. के अधिकारी इसी बुक में नोट कर उसे पेमैंट करते हैं। इससे ही कमीशनखोरी हो रही है।
सी.एम. के आदेशों पर एच.एस.वी.पी. ने किया काम शुरू
इस सिस्टम के अनुसार हर मैटीरियल की सॉफ्टवेयर के जरिए वेरीफिकेशन और चैकिंग की जाती है ताकि काम की गुणवता बढऩे के साथ साथ क्रप्शन को रोका जा सके और वहीं वर्क टाइम पर हो। असल में इसके लिए हरियाणा के सी.एम. के आदेशों पर उनके अपने ही डिपार्टमैंट एच.एस.वी.पी. ने काम शुरू किया है।
इसमें एच.एस.वी.पी. की आई.टी. विंग और इंजीनियरिंग विंग ने पंचकूला जोन में ट्रॉयल भी शुरू कर दिया है। इस सिस्टम को फिलहाल पिछले कई महीनों से जारी करने के बाद काम तो किया जा रहा है, लेकिन इंजीनियरिंग के अधिकारियों और ठेकेदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते इसमें कुछ संशोधन किए जा सकते हैं।