Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Aug, 2017 01:22 AM
जहां सरकार सब कुछ डिजिटलाइज्ड करने की बात करती है, वहीं शहर के सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर टीचर्स की कमी के चलते उनका यह सपना अधूरा ही नजर आ रहा है।
चंडीगढ़,(रश्मि) : जहां सरकार सब कुछ डिजिटलाइज्ड करने की बात करती है, वहीं शहर के सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर टीचर्स की कमी के चलते उनका यह सपना अधूरा ही नजर आ रहा है। स्कूलों में नए सैशन की शुरूआत हो गई लेकिन टीचर्स न होने के चलते छात्रों की एक भी कम्प्यूटर क्लास नहीं लगी है और छात्रों को कम्प्यूटर बारे में अभी तक कुछ भी जानकारी नहीं है। इसके अलावा स्कूलों में छात्रों से कंप्यूटर फंड तक ले लिया गया है। इसका सबसे बड़ा कारण कांट्रैक्ट कम्प्यूटर टीचर्स के कांट्रैक्ट को रीनुअल न मिल पाना है।
उल्लेखनीय है कि यू.टी. कैडर एजुकेशनल इम्प्लाइज यूनियन भी इस मुद्दे को लेकर शिक्षा विभाग के सैक्रेटरी से मिली थी। यूनियन ने कांट्रैक्ट कम्प्यूटर टीचर्स और डाटा ऑप्रेटर्स का कांट्रैक्ट रीनुअल जल्द जारी करने के लिए निवेदन किया था। शिक्षा विभाग के आफिसर्स ने 188 कांट्रैक्ट कम्प्यूटर टीचर्स और डाटा ऑप्रेटर्स को घर बैठा रखा है।
छात्रों को भुगतना पड़ रहा है खमिजाया
शहर के 114 सरकारी स्कूल बिना कांट्रैक्ट कम्प्यूटर टीचर्स और डाटा ऑप्रेटर्स के चल रहे हैं जिसका बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। शिक्षा विभाग इस खबर से बेपरवाह होकर बैठा है, जबकि सितम्बर माह में छात्रों की परिक्षाएं होनी हैं।