Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Oct, 2017 10:57 AM
रेलवे के लिए कमाई का सबसे बड़ा साधन पार्सल विभाग माना जाता है। लेकिन यही पार्सल विभाग चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन का पिछले 3 साल से लगातार घाटे में चल रहा है।
चंडीगढ़(लल्लन) : रेलवे के लिए कमाई का सबसे बड़ा साधन पार्सल विभाग माना जाता है। लेकिन यही पार्सल विभाग चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन का पिछले 3 साल से लगातार घाटे में चल रहा है। मतलब की जिस प्रकार से ट्रेनों का आवागमन बढ़ रहा है, उसके मुकाबले पार्सल का काम नहीं बढ़ सका।
पिछले 3 साल का रिकार्ड देखा जाए तो हर साल रेलवे की कमाई में पार्सल विभाग से घाटा हो रहा है लेकिन इस घाटे की तरफ रेलवे का ध्यान नहीं है।
जब रेलवे स्टेशन से कोरियर का कार्य करने वाली कपंनियों से बात की गई तो उनके अधिकारियों ने बताया कि यहां पर न तो पोटर हैं और न ही कपंनियों के सामान की सुरक्षा का ही कोई पुख्ता इंतजाम। स्टेशन पर काम कर रहे अवैध रूप से कर्मचाारियों की तरफ से लैगेज उतारने व चढ़ाने के लिए भी अतिरिक्त शुल्क मांगा जाता हैं। ऐसे में कोरियर कंपनियां बाई रोड माल भेजने में ज्यादा रुचि दिखाने लगी हैं।
3 साल से घटता जा रहा बिजनैस :
पिछले तीन साल में रेलवे को पार्सल विभाग से लगातार घाटा हो रहा है। रेलवे की सबसे अधिक कमाई 2014-15 में 94867156 रुपए की हुई थी। इसके बाद से जहां रेलवे के पार्सल विभाग से आमदनी बढऩी चाहिए लेकिन यह घट रही है। वर्ष 2014-15 के बाद चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से 3-4 गाडिय़ां बढ़ी हैं लेकिन पार्सल के बिजनैस में घाटा ही रहा। विभाग की तरफ से सिर्फ 1 पोटर नियुक्त किया गया है और रात को तो वह भी नहीं होता।
कोरियर कपंनियों के पार्सल की सुरक्षा की व्यवस्था भी राम भरोसे ही हैं। जानकारी के अनुसार रेलवे स्टेशन बने पार्सल विभाग के पास कोई स्टोर रूम नही हैं। ऐसे में कोरियर कपंनियों के सामान प्लेटफार्म पर ही बिखरे पड़े रहते हैं। यही नहीं रेलवे स्टेशन पर लगे सी.सी.टी.वी. कैमरे भी बेहतर कार्य करने में असमर्थ हैं। इसके कारण कई बार प्लेटफार्म से सामान चोरी होने की वारदात भी सामने आ चुकी हैं।
पार्सल विभाग का रिकार्ड
वर्ष रेवैन्यू
2011-12 51755282
2012-13 53174524
2013-14 82585877
2014-15 94867156
2015-16 85212662
2016-17 81107699