Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Sep, 2017 08:54 AM
कालका-शिमला रूट पर विस्टाडोम कोच के लिए यात्रियों को अभी समर सीजन तक इंतजार करना होगा।
चंडीगढ़ (लल्लन): कालका-शिमला रूट पर विस्टाडोम कोच के लिए यात्रियों को अभी समर सीजन तक इंतजार करना होगा। जानकारी के अनुसार रेलवे की ओर से विंटर सीजन के दौरान कालका-शिमला रूट पर विस्टाडोम कोच चलाने की तैयारी की गई थी। इसमें सफर के दौरान पयर्टक सुंदर वादियों, झरनों और सुरंगों का आनंद ले सकते थे। लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चेन्नई रेलवे फैक्टरी में तैयार दूसरा कोच कालका की बजाय मुंबई भेजा दिया गया है। इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि अभी पूरे कोच तैयार नहीं हैं। जैसे कोच तैयार होंगे उन्हें पर्यटन स्थलों पर चलाया जाएगा। ऐसे में अब कालका से शिमला विस्टाडोम में सफर करने के लिए इंतजार करना होगा।
यह है कोच की खासियत
-इस ए.सी. कोच में कुल 40 सीटें हैं, जिन्हें 180 डिग्री तक घुमाया जा सकता है, ताकि पैसेंजर्स को एरियल व्यू दिख सके।
-खिड़की के कांच काफी बड़े हैं। साथ ही छत भी पारदर्शी है जिससे चारों तरफ के नजारों का आनंद लिया जा सकता है। इसमें 12 एल.सी.डी. लगी हैं।
-एक फ्रिज और एक फ्रीजर के अलावा ओवन, जूसर ग्राइंडर, हॉट केस की व्यवस्था है। दरवाजे अपने आप खुलेंगे और बंद होंगे।
-सामान रखने की अलग व्यवस्था और कोच के एक हिस्से में 20 फीसदी हिस्सा खुला होगा, जहां खड़े होकर भी कुदरती नजारों का आनंद लिया जा सकेगा।
तीसरे चरण में चलेगी कालका-शिमला रूट पर
रेलवे की ओर से कालका-शिमला रूट पर विस्टाडोम कोच को तीसरे चरण में चलने की संभावना जाताई जा रही है। रेलवे की ओर से पहले चरण में यह कोच विशाखापट्टनम से अराकू वैली हिल स्टेशन के बीच चलने वाली ट्रेन में लगाए गए हैं। दूसरे चरण में यह कोच मुंबई के कर्जत-लोनावला और कसारा-इगतपुरी के बीच चलाने की संभावना है।
1 कोच पर खर्च होंगे 3.40 करोड़
रेलवे की ओर से विस्टाडोम कोच को बनाने के लिए तकरीबन 3.40 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इस कोच को बनाने में समय भी अन्य कोचों से ज्यादा लग रहा है। इसमें प्रयोग होने वाला कांच विदेश से मंगवाया जाता है। एक कोच को तैयार करने में 1 साल का समय लग रहा है। अभी तक दो कोच तैयार किए जा चुके हैं जबकि तीसरे कोच बन रहा है।