वीरभद्र ने विधानसभा में खोली राहत की पोटली

Edited By ,Updated: 18 Mar, 2015 10:18 PM

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मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बुधवार को वित्त वर्ष 2015-16 के लिए कुल 28339 करोड़ रुपए का बजट सदन में पेश किया। यह बजटवित्त वर्ष 2014-15 की तुलना में 4726 करोड़ रुपए अधिक है।

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बुधवार को वित्त वर्ष 2015-16 के लिए कुल 28339 करोड़ रुपए का बजट सदन में पेश किया। यह बजटवित्त वर्ष 2014-15 की तुलना में 4726 करोड़ रुपए अधिक है। विधानसभा में मुख्यमंत्री का यह 18वां बजट था। उन्होंने 3 घंटे से अधिक समय तक सदन में बजट भाषण पढ़ा। मुख्यमंत्री द्वारा पेश इस कर रहित बजट में प्रदेश के हरेक वर्ग को कुछ न कुछ राहत देने की कोशिश की गई है। बजट में कृषि, बागवानी व पशुपालन आदि को अधिक तवज्जो दी गई है।

प्रदेश की आर्थिकी को मजबूत करने के साथ-साथ बेरोजगारी की समस्या को कम करने की क्षमता रखने वाले पर्यटन क्षेत्र की बजट में अनदेखी हुई है। पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए कोई ठोस योजना की घोषणा नहीं की गई है। राज्य में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए नए उद्योगों को करों में राहत प्रदान की गई है। अनुबंध पर कार्यरत कर्मचारी अब 5 साल के बाद नियमित होंगे। सरकार ने राज्य में गौवंश संवद्र्धन बोर्ड और धर्मशाला में राज्य फुटबाल अकादमी बनाने की घोषणा भी बजट में की है।

मुख्यमंत्री ने आने वाले 5 सालों में राज्य के एक लाख बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए सरकारी क्षेत्र में हि.प्र. कौशल विकास निगम बनाने की घोषणा भी की है। योजना विभाग के अधीन यह निगम राज्य में चल रही विभिन्न योजनाओं के तहत शिक्षित युवाओं को व्यावसायिक रूप से दक्ष करके रोजगार उपलब्ध करवाएगा। राज्य में ललित कलाओं को बढ़ावा देने के लिए एक ललित कला महाविद्यालय खोलने की घोषणा भी मुख्यमंत्री ने की है। उन्होंने कौशल विकास पर केंद्रित निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालय खोलने की बात भी कही।

धर्मशाला में राज्य युद्ध संग्रहालय खोलने की घोषणा भी मुख्यमंत्री ने की। ट्रक-बसों की बॉडी फैब्रीकैशन पर वैट को 5 प्रतिशत करने की भी घोषणा की गई है। प्रदेश में ई-पीडीएस प्रणाली के लिए डिजीटल राशन कार्ड बनाने के लिए भी 14 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा पेश इस बजट में वित्तीय घाटा 3285 करोड़ रहने का अनुमान है। इस बजट में वेतन पर 8285, पैंशन पर 4041, ब्याज अदायगी पर 2950, ऋणों की अदायगी पर 1503, अन्य ऋणों की अदायगी पर 397 तथा रखरखाव आदि पर 1838 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वहीं 11562 करोड़ यानि कुल बजट का 40.80 प्रतिशत विकास कार्यों पर खर्च किया जाएगा। आगामी वित्त वर्ष में प्रदेश के खजाने में राजस्व प्राप्तियों से 23535 करोड़ रुपए आने का अनुमान है जबकि राजस्व व्यय 23488 करोड़ होगा। आगामी वित्त वर्ष में राजस्व अधिशेष 0.04 प्रतिशत तथा वित्तीय घाटा राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 2.91 प्रतिशत रहने की संभावना है।

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