स्पोर्ट्स बिल पर राज्यपाल को हस्ताक्षर करने होंगे : वीरभद्र

Edited By ,Updated: 15 May, 2015 10:58 PM

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स्पोर्ट्स बिल विधानपालिका द्वारा पास किया गया है। संविधान के तहत जिस पर देर-सवेर राज्यपाल को हस्ताक्षर करने ही होंगे।

मनाली: स्पोर्ट्स बिल विधानपालिका द्वारा पास किया गया है। संविधान के तहत जिस पर देर-सवेर राज्यपाल को हस्ताक्षर करने ही होंगे। मनाली दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि कुछ प्रदेश भाजपा के नेताओं को यह स्पोर्ट्स बिल हजम नहीं हो रहा है जिसके चलते उन्होंने राज्यपाल के पास बिल रुकवाया हुआ है लेकिन संवैधानिक तौर पर राज्यपाल को 6 माह के भीतर इस बिल पर हस्ताक्षर करने ही होंगे तथा कहा कि जिस प्रदेश के राज्यपाल हैं, उस प्रदेश में भी यही स्पोर्ट्स बिल लागू है।  एक अन्य प्रश्र के जबाव में उन्होंने कहा कि कुल्लू को जल्द ही प्रदेश मंत्रिमंडल में स्थान दिया जाएगा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का केंद्र सरकार के साथ बेहतर तालमेल है। राज्य सरकार के सभी मंत्री बेहतर तालमेल के साथ काम कर रहे हैं और सरकार प्रदेश में समान विकास को तरजीह दे रही है। किसी भी घर के सदस्यों में थोड़े बहुत मतभेद भी हों तो उन्हें घर के भीतर ही सुलझाया जाता है, दूसरों को इसकी परवाह करने की जरूरत नहीं। वीरभद्र ने कहा कि धूमल सपनों की दुनिया में जीते हैं। इनका काम बोलना है। ये कुछ नहीं बोलेंगे तो लोग इन्हें भूल जाएंगे। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को मनाली व सेऊबाग में जनसभाएं की। विज्ञापनों में फोटो से संबंधित आदेशों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें फोटो छपवाने का कोई शौक नहीं है और न ही इस बात की कोई परवाह हैं। मेरी फोटो जनता के दिलों में है।

हम बुलाते हैं विपक्ष को, भाजपा ने नहीं बुलाया
मुख्यमंत्री ने जगतसुख में कहा कि भाजपा शासन काल में कांग्रेस के विधायकों को कभी भी सरकारी समारोहों में आमंत्रित नहीं गया लेकिन कांग्रेस विकास में विश्वास रखती है और विपक्ष के विधायकों को अपनी मांगें और विचार रखने के लिए समारोह में आमंत्रित किया जाता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार पर विपक्ष की जायज मांगों पर निश्चित तौर पर विचार करेगी।

सरकारी स्कूलों में दाखिल करवाएं बच्चे
मुख्यमंत्री ने आज कुल्लू जिले के मनाली विधानसभा क्षेत्र के बैंची में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए अभिभावकों से बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिल करवाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में अध्यापक उच्च योग्यता प्राप्त एवं अनुभवी होते हैं।

किसी की रोजी-रोटी नहीं छिनने दी जाएगी
नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा दिए गए फैसले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी व्यक्ति की रोजी-रोटी पर आंच नहीं आने दी जाएगी तथा पर्यावरण से भी खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने एनजीटी को संवैधानिक संस्था बताया तथा कहा कि वह भी कानून के दायरे में रह कर ही कार्य करती है। उन्होंने बताया कि सरकार स्थानीय लोगों का पक्ष मजबूती से एनजीटी के समक्ष रखेगी तथा लोगों को न्याय दिलाएगी। नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्णय से अनेक ट्रांसपोर्टर, ढाबा मालिक और छोटे व्यवसायी रोजी-रोटी की समस्या का सामना कर रहे हैं। सरकार इन हजारों लोगों की आजीविका के मद्देनजर प्राधिकरण से अपने निर्णय पर पुनर्विचार का मामला मजबूती से उठाएगी।

धूमल और उनके परिवार को मात्र क्रिकेट ही चाहिए
एक अन्य प्रश्न के जवाब में  मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल बौखलाहट में अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं लेकिन मैं सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखता हूं। मैं ईंट का जवाब पत्थर से देने पर विश्वास नहीं रखता बल्कि शालीनता के कार्य करता हूं तथा कार्य करके दिखाता हूं। उन्होंने कहा कि धूमल और उनके परिवार को न जाने क्रिकेट से इतना प्यार क्यों है कि वह अन्य खेलों की ओर सोचते भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि क्रिकेट के इस खेल में लगता है पूरी दाल ही काली है।

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