Edited By ,Updated: 10 May, 2017 12:04 PM
दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति मून जे इन ने चुनाव में मिली भारी जीत के एक दिन बाद आज शपथ ग्रहण की। उत्तर कोरियाई शरणार्थी के बेटे और सुधारवादी...
सोल: दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति मून जे इन ने चुनाव में मिली भारी जीत के एक दिन बाद आज शपथ ग्रहण की। उत्तर कोरियाई शरणार्थी के बेटे और सुधारवादी नेता मून सत्ता की कमान संभालने के बाद सबसे पहले उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के साथ बातचीत शुरू करेंगे।
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति पार्क गून हे ने उत्तर कोरिया से सारे रिश्ते खत्म कर लिए थे। साथ ही उत्तर कोरिया पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। मार्च में पार्क गून-हे को भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया था, जिसके बाद मून जाए-इन की जीत सामने आई है। वाम रूझान वाले मून पहले मानवाधिकार क्षेत्र के वकील थे। हाल के हफ्तों में ट्रंप प्रशासन के धमकी भरे रवैये के बावजूद मून अमन की खातिर प्योंगयांग के साथ संबंध रखने के समर्थक हैं।
सोल के नेशनल असेंबली भवन में शपथ ग्रहण के बाद मून ने सांसदों से कहा,‘‘जरूरत पड़ी तो मैं तत्काल वॉशिंगटन के लिए रवाना हो जाऊगा। मैं बीजिंग और तोक्यो और उचित परिस्थितियों में यहां तक कि प्योंगयांग भी जाऊगा।’’उत्तर कोरिया से संपर्क साधने का कूटनीतिक रास्ता मून के लिए मुश्किल भरा रहने वाला है। उनके सामने कई घरेलू चुनौतियां भी हैं। मून ने कहा,‘‘मैं सबका राष्ट्रपति बनूंगा। उनकी भी सेवा करूंगा जिन्होंने मेरा समर्थन नहीं किया।’’
अमरीका विरोधी पार्टी के नेता हैं मून
मून के आने के बाद से अमरीका की टेंशन भी बढ़ गई है।शायद यही वजह रही कि उत्तर कोरिया के साथ तनाव के बीच पार्क ग्यून-हे की बर्खास्तगी के फौरन बाद अमरीकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन और उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने दक्षिण कोरिया का दौरा किया। मून की पार्टी को अमरीका विरोधी माना जाता है। मानवाधिकार कार्यकर्ता मून खुद अमरीका के कड़े आलोचक हैं। ऐसे में उनके सामने दक्षिण कोरिया में अमरीकी दखल को रोकने की भी बड़ी चुनौती है। अमरीका ने दक्षिण कोरिया में थाड एंटी-मिसाइल सिस्टम तैनात कर रखा है, जिसको लेकर काफी विवाद चल रहा है। मून भी इसकी आलोचना कर चुके हैं।