Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Jul, 2017 12:51 AM
अमेरिका जी-20 शिखर सम्मेलन में आज उस समय अलग थलग पड़ गया जब भारत एवं समूह के 18 अन्य सदस्यों ने पेरिस जलवायु समझौते को ...
हैमबर्ग : अमेरिका जी-20 शिखर सम्मेलन में आज उस समय अलग थलग पड़ गया जब भारत एवं समूह के 18 अन्य सदस्यों ने पेरिस जलवायु समझौते को बदला नहीं जा सकने वाला करार दिया और इस एेतिहासिक समझौते का समर्थन किया जिससे वाशिंगटन ने अलग होने का निर्णय लिया है।
आतंकवाद रोकने के संकल्प को मिला योगदान
दो दिवसीय जी 20 शिखर सम्मेलन में भारतीय पक्ष को आतंकवाद को रोकने और वैश्विक व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने के संकल्प में महत्वपूर्ण योगदान देते देखा गया। इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा मेजबान जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत विश्व के कई शीर्ष नेताओं ने भाग लिया। इस दौरान शहर में अभूतपूर्व हिंसक प्रदर्शन हुए जहां हजारों पूंजीवाद विरोधी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ।
अमेरिका का पेरिस समझौते के खिलाफ खड़ा होना दुर्भाग्यपूर्ण: एंजेला
एंजेला ने कहा कि दुर्भाग्यवश अमेरिका पेरिस समझौते के खिलाफ खड़ा रहा लेकिन अन्य सभी सदस्यों ने इस समझौता का समर्थन किया। पेरिस समझौते से अमेरिका के पीछे हटने के फैसले को ध्यान में रखते हुए जी20 की आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा, अन्य जी20 सदस्यों के नेताओं ने सहमति जताई कि पेरिस समझौते में परिवर्तन नहीं किया जा सकता। विज्ञप्ति में भ्रष्टाचार, कर चोरी, आतंकवाद को मिलने वाली वित्तीय मदद एवं धनशोधन के खिलाफ मिलकर लडऩे की प्रतिबद्धता जताई गई।
नेताओं ने भ्रष्टाचार के खिलाफ संगठित होने संबंधी जी20 के उ‘च स्तरीय सिद्धांतों को आज पारित किया जिनमें कहा गया कि भ्रष्टाचार सरकार के दक्ष एवं प्रभावी संचालन के अलावा निर्णय लेने में निष्पक्षता एवं सरकारी सेवाओं को उचित तरीके से मुहैया कराने की प्रक्रिया को बाधित करता है। जी20 भ्रष्टाचार रोधी कार्य योजना 2017-18 भ्रष्टाचार के खिलाफ संगठित होने समेत सार्वजनिक क्षेत्र की अखंडता एवं पारदर्शिता को प्राथमिकता मानती है।