‘जबरन भुखमरी’को मजबूर हैं रोहिंग्या शरणार्थी : संयुक्त राष्ट्र

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Mar, 2018 11:13 PM

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म्यांमार के रखाइन राज्य से रोहिंग्या लोगों का पलायन जारी है। यह बात संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार अधिकारी ने मंगलवार को यहां कही। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकारों से संबंधित संस्था के सहायक महासचिव एंड्रयू गिलमोर का कहना है...

संयुक्त राष्ट्र: म्यांमार के रखाइन राज्य से रोहिंग्या लोगों का पलायन जारी है। यह बात संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार अधिकारी ने मंगलवार को यहां कही।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकारों से संबंधित संस्था के सहायक महासचिव एंड्रयू गिलमोर का कहना है कि रोहिंग्या के लिए‘आतंक और जबरन भुखमरी’का दौर उनके खिलाफ हुई जबरदस्त सैन्य कार्रवाई के छह माह बाद भी अब तक जारी है। इस दमनकारी कार्रवाई के कारण उस समय भी रोहिंग्या मुसलमानों को बड़ी तादाद में म्यांमार छोड़कर जाना पड़ा था। अगस्त के बाद से लगभग 700,000 लोग म्यांमार से पलायन कर बंगलादेश जा चुके हैं। वहां से आए लोगों ने सैनिकों और निगरानी समिति के सदस्यों द्वारा हत्या, दुष्कर्म और आगजनी की जानकारी दी। 

दूसरी ओर म्यांमार की सेना ने दावा किया कि वह केवल रोहिंग्या आतंकवादियों के साथ संघर्षरत है और उसने नागरिकों को निशाना बनाने से इंकार किया। गिलमोर का कहना है कि रोहिंग्या लोगों का पलायन अब तक जारी है। उन्होंने कहा कि शरणार्थियों की वापसी के बारे में बंगलादेश और म्यांमार के बीच बातचीत होती रही है, लेकिन निकट भविष्य में उन लोगों की सुरक्षित, गरिमापूर्ण और उचित ढंग से वापसी होने के आसार दिखाई नहीं देते। उन्होंने कहा कि एक ओर तो म्यांमार सरकार दुनिया से कह रही है कि वह रोहिंग्या शरणार्थियों को स्वीकार करने को तैयार है, जबकि उसी समय उन्हें बंगलादेश लौटने के लिए भी मजबूर कर रही है।
 

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