Edited By ,Updated: 25 Sep, 2016 10:49 AM
जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में हुए आंतकी हमले की जांच जारी है। ऐसे में सेना के हाथ कुछ ऐसे सबूत मिले हैं जिससे पाकिस्तान के ऊपर शक पुख्ता होता जा रहा है।
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में हुए आंतकी हमले की जांच जारी है। ऐसे में सेना के हाथ कुछ ऐसे सबूत मिले हैं जिससे पाकिस्तान के ऊपर शक पुख्ता होता जा रहा है। दरअसल आर्मी बेस पर हमला करने वाले आतंकियों ने एक-दूसरे से संपर्क करने के लिए जापानी वायरलेस का इस्तेमाल किया था। सेना को दो जापानी वायरलेस सेट मिले हैं, जिनमें उर्दू में 'बिल्कुल नया' लिखा है, इससे साफ होता है कि हमलावरों के संबंध पाकिस्तान से थे। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक गृह मंत्रालय के सूत्रों ने जानकारी दी है कि किसी भी देश में वायरलेस सेट एक सुरक्षा एजेंसी को बेचे जाते हैं।
जापानी वायरलेस सेट को पाकिस्तान में बेचा गया है या नहीं इसके बारे में तफ्तीश की जा रही है, इसकी जानकारी पाकिस्तानी अधिकारियों को दी जाएगी। सेना ने मौके से बरामद कुल 48 चीजों के साथ दो वायरलेस सेट भी एनआईए को सौंपे हैं। इसके साथ दो मैप भी एनआईए को दिए गए हैं, जिसमें से एक मैप जला हुआ है। नैशनल टैक्निकल रिसर्च लैब इसकी जांच कर रही है। वहीं, एक इंडियन फर्म 'आई कॉल' का मोबाइल भी मिला है।
उरी सेक्टर के आर्मी बेस में हमला करने वाले आतंकी बेहतर तरीके से प्रशिक्षित थे और उन्होंने डिजिटल कोड्स का इस्तेमाल किया था, ताकि उनकी लोकेशन को ट्रेस न किया जा सके। इतना ही नहीं, आतंकियों ने जीपीएस से अपनी आखिरी लोकेशन भी डिलीट कर दी है। ऐसा माना जा रहा है कि उरी पर हमला करने वाले आतंकी तकनीक के मामले में उन आतंकियों से ज्यादा समझ रखते थे जिन्होंने पठानकोट पर हमला किया था। खुफिया सूत्रों की माने तो उरी पर हमला करने वाले आतंकियों का रूट मैप ट्रैक करना आसान नहीं होगा।