Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Dec, 2017 06:25 PM
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े और वर्ल्ड क्लास पब्लिक ट्रांसपॉर्ट सिस्टम के लिए रोड ट्रांसपॉर्ट और हाइवे मिनिस्ट्री वित्त मंत्रालय से बजट में अलग से 5,000 करोड़ रुपए देने की मांग करेगी ।
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े और वर्ल्ड क्लास पब्लिक ट्रांसपॉर्ट सिस्टम के लिए रोड ट्रांसपॉर्ट और हाइवे मिनिस्ट्री वित्त मंत्रालय से बजट में अलग से 5,000 करोड़ रुपए देने की मांग करेगी । गडकरी ने बताया, 'स्टेट ट्रांसपॉर्ट कॉरपोरेशन्स को अपने बेड़े से डीजल बसों को बाहर कर देना चाहिए क्योंकि इन पर अधिक लागत आती है। उन्हें अपना घाटा कम करने के लिए इलेक्ट्रिक बसें खरीदनी चाहिए। इन बसों की संख्या अच्छी-खासी होने पर उनकी ऑपरेशनल कॉस्ट में 50 पर्सेंट की कमी आ सकती है। ऐसा करने पर स्टेट ट्रांसपॉर्ट कॉरपोरेशन्स मुनाफे में आ जाएंगे।
उन्होंने बताया कि हम इलेक्ट्रिक बसों और मॉडर्न बस पोर्ट्स बनाने के लिए करीब 5,000 करोड़ रुपए का फंड अलग से चाहते हैं। मैं जल्द ही इस बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली को लिखूंगा। मैं इस बारे में राज्यों के ट्रांसपॉर्ट मिनिस्टर्स के साथ भी बात करूंगा।' मिनिस्ट्री अगले वित्त वर्ष में 5,000 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की योजना बना रही है। केंद्र सरकार अपने विभागों के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने का टेंडर पहले ही दे चुकी है।
पब्लिक ट्रांसपॉर्ट सिस्टम को भी करना होगा मजबूत
गडकरी ने बताया, 'लोगों को इलेक्ट्रिक वीइकल्स अपनाने के लिए प्रेरित करने का यह एकमात्र रास्ता है। इसके साथ हमें पब्लिक ट्रांसपॉर्ट सिस्टम को भी मजबूत करना होगा। सड़कों पर निजी गाड़ियों की संख्या जिस रफ्तार से बढ़ रही है, उसे देखते हुए नेशनल हाइवेज पर एक्स्ट्रा लेन बनाने के लिए अगले 5-6 साल में हमें 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रकम खर्च करनी पड़ेगी।'
उन्होंने बताया, 'मैं डबल डेकर बसें भी लाने की सोच रहा हूं। हमने ट्रांसपॉर्ट लंदन के साथ पब्लिक ट्रांसपॉर्टेशन में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के लिए अग्रीमेंट साइन किया है।' सरकार ई-वीइकल्स पॉलिसी पर भी काम कर रही है। उसने 2030 तक देश में केवल इलेक्ट्रिक वीइकल्स चलाने का लक्ष्य रखा है।