सिंदूर लगाने के इस तरीके से पति की आयु होती है लंबी

Edited By Updated: 12 May, 2025 09:52 AM

ज्योतिष शास्त्र में सिंदूर को बेहद पवित्र माना गया है। इसके अलावा इसे विवाहित महिलाओं के सुहाग का प्रतीक माना जाता है।हिंदू धर्म में शादी तभी संपन्न होती है, जब दूल्हा, दुल्हन की मांग में सिंदूर भरता है। माना जाता है कि सिंदूर लगाने से सुहाग हमेशा...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

ज्योतिष शास्त्र में सिंदूर को बेहद पवित्र माना गया है। इसके अलावा इसे विवाहित महिलाओं के सुहाग का प्रतीक माना जाता है।हिंदू धर्म में शादी तभी संपन्न होती है, जब दूल्हा, दुल्हन की मांग में सिंदूर भरता है। माना जाता है कि सिंदूर लगाने से सुहाग हमेशा सलामत रहता है। मांग में सिंदूर सिर्फ सुहाग की निशानी ही नहीं बल्कि आपके पति की किस्मत बदलने की ताकत भी रखता है। फिल्म ओम शांति ओम का ये प्रसिद्ध डायलॉग तो आपने सुना होगा। “एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानों रमेश बाबू”... आज हम आपको इसी ताकत के बारे में बता रहे हैं। दरअसल शास्त्रों में सिंदूर लगाने के नियम बताए गए हैं, जिन्हें अपनाना बेहद ज़रूरी है। आज हम आपको बताएंगे सिंदूर लगाने के नियम, तो आईए जानते हैं।

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अक्सर महिलाएं नहाने के बाद सबसे पहले पूजा के लिए बैठ जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि सुहागिन महिलाओं को पूजा-पाठ के दौरान मांग में सिंदूर जरूर लगाना चाहिए।

शास्त्रों के अनुसार जो महिलाएं मांग में लंबा सिंदूर लगाती हैं, उनके पति को खूब मान-सम्मान मिलता है। सुहागन महिलाओं को हमेशा नाक की सीध में सिंदूर लगाना चाहिए।

विवाहित महिलाओं को मांग में सिंदूर भरते समय ध्यान देना चाहिए कि वह हमेशा मांग के बीच में ही लगाया जाए। मान्यता है कि ऐसा करने से पति की आयु लंबी होती है। माना जाता है कि टेढ़ा-मेढ़ा सिंदूर लगाने से पति का भाग्य खराब हो सकता है।

कई महिलाएं मांग में सिंदूर लगाने के बाद उसे छिपाने की कोशिश करती हैं। हिंदू धर्म ग्रंथों के मुताबिक मांग में सिंदूर भरना पति-पत्नी के प्यार का प्रतीक होता है। लिहाजा मांग भरने के बाद उसे कभी भी छिपाना नहीं चाहिए। ऐसा करने से आपसी रिश्तों में खटास पैदा हो सकती है और बना-बनाया परिवार बिगड़ सकता है। लिहाजा ऐसा करने से हमेशा बचने की कोशिश करें।

 

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पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का ब्रह्मरंद्र यानी मस्तिष्क का ऊपरी भाग बहुत ही संवेदनशील और कोमल होता है। यह वही स्थान है, जहां महिलाएं सिंदूर लगाती हैं। सिंदूर में मौजूद तत्व इस स्थान से शरीर में मौजूद विद्युत ऊर्जा को नियंत्रित करती है। इससे बाहरी दुष्प्रभाव से भी बचाव होता है। सिंदूर में पारा धातु की अधिकता होती है जिससे चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़ती हैं। इससे महिलाओं की बढ़ती उम्र के संकेत नजर नहीं आते हैं।

हिंदू धर्म के अनुसार महिलाओं को रविवार, सोमवार और शुक्रवार को बाल धोकर सिंदूर जरूर लगाना चाहिए।

पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं कई तरह के व्रत जैसे करवा चौथ, वट सावित्री पूजा और तीज करती हैं। ऐसे में इन व्रतों के दौरान सिंदूर जरूर लगाना चाहिए। यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद शुभ माने जाते हैं।

मान्यता के अनुसार मां पार्वती भगवान शिव के लिए सिंदूर लगाती थी इसलिए मां को सिंदूर चढ़ाया जाता है। सिंदूर लगाने से पहले मां गौरी को सिंदूर जरूर चढ़ाएं। मान्यताओं के अनुसार मां गौरा को चढ़ाया हुआ सिंदूर लगाने से अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है।

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