AAP के 20 विधायक अयोग्य घोषित, EC ने राष्ट्रपति को भेजी सिफारिश

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jan, 2018 04:38 PM

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2015 के लाभ पद मामले में चुनाव आयोग ने केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका देते हुए आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराया है। सूत्रों के मुताबिक आयोग ने 20 विधायकें की सदस्यता रद्द करने की सिफारश की है। आयोग ने अपने फैसले को मंजूरी के लिए...

नई दिल्लीः चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों के लाभ के पद से जुड़े मामले पर अपनी सिफारिशें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को आज भेज दीं। सूत्रों के अनुसार, आयोग ने राष्ट्रपति को भेजी गयीं अपनी सिफारिशों में आप के इन 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया है।  चुनाव ने इस मामले में 21 विधायकों को नोटिस जारी किया था लेकिन जरनैल सिंह पहले ही पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं। 

अब राष्ट्रपति इस पर अपना अंतिम फैसला सुनाएंगे। अगर राष्ट्रपति आयोग की सिफारिश पर मुहर लगा देते हैं और विधायकों को अयोग्य घोषित करने का आदेश जारी करते हैं, तो संभावना है कि दिल्ली में इन 20 सीटों पर दोबारा चुनाव हो सकते हैं। हालांकि 20 सदस्यों की सदस्यता जाने के बाद भी केजरीवाल सरकार बची रहेगी क्योंकि आप 67 सीटों के बहुमत के साथ सत्ता में आई है।
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क्या है पूरा मामला
दिल्ली सरकार ने मार्च, 2015 में आप के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था। इसको लेकर भाजपा और कांग्रेस ने सवाल उठाए थे। प्रशांत पटेल नाम के शख्स ने राष्ट्रपति के पास याचिका लगाकर आरोप लगाया था कि ये 21 विधायक लाभ के पद पर हैं, इसलिए इनकी सदस्यता रद्द होनी चाहिए। दिल्ली सरकार ने दिल्ली असेंबली रिमूवल ऑफ डिस्क्वॉलिफिकेशन ऐक्ट-1997 में संशोधन किया था। इस विधेयक का मकसद संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से छूट दिलाना था, जिसे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नामंजूर कर दिया था। दूसरी ओर, केंद्र सरकार ने भी विधायकों को संसदीय सचिव बनाए जाने के फैसले का विरोध किया था और दिल्ली हाईकोर्ट में आपत्ति जताई थी। केद्र का कहना था कि  दिल्ली में सिर्फ एक संसदीय सचिव हो सकता है, जो मुख्यमंत्री के पास होगा। इन विधायकों को यह पद देने का कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है।

लाभ पद मामले की टाइमलाइन पर एक नजर
-8 सितंबर को इस मामले में हाईकोर्ट ने 21 विधायकों की नियुक्ति को अवैध ठहरा दिया था।

-जून 2016 में में अधिवक्ता प्रशांत पटेल ने इस मामले को चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी।

-आप के विधायकों ने चुनाव आयोग में हाईकोर्ट के आदेश की दलील पेश कर अर्जी दी थी कि इससे हाईकोर्ट में चल रहे मामले पर असर पड़ेगा।

-याचिकाकर्त्ता  प्रशांत पटेल ने दलील पेश की थी कि सितंबर तक इन विधायकों ने लाभ पद का फायदा उठाया था लिहाजा इन पर केस चलना चाहिए।

-चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों की दलील सुनते हुए 23 जून को आप विधायकों की अर्जी को खारिज करते हुए मामला चलाने का आदेश दिया।

-चुनाव आयोग ने 19 जनवरी,2018 को 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करते हुए अपना फैसला राष्ट्रपति को भेज दिया।

 

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