Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Sep, 2017 04:23 PM
भारत और पाक के मध्य विवाद की वजह बना सिंधु जल समझौते का जल्द समाधान निकलने के संकेत नजर आ रहे हैं...
न्यूयार्कः भारत और पाक के मध्य विवाद की वजह बना सिंधु जल समझौते का जल्द समाधान निकलने के संकेत नजर आ रहे हैं। पाकिस्तान के पीएम शाहिद खाकान अब्बासी की ओर से इस समाधान की ओर इशारा किया गया।अब्बासी ने सिंधु जल समझौते को लेकर किए गए सवाल के जवाब में कहा कि सिंधु जल समझौते में प्रावाधान मौजूद है, जिससे विवाद का समाधान किया जा सकता है। हालांकि उन्होंने इसे कानूनी मसला बताया। अब्बासी ने सिंधु जल समझौते के प्रावधानों के दायरे में रहते हुए विवाद के निपटारे की बात कही।
अमरीकी थिंक टैंक की ओर से न्यूयार्क में आयोजित विदेश नीति की एक बैठक में चर्चा के दौरान बुधवार को सिंधु जल समझौते पर बयान दिया गया। अब्बासी ने कहा कि उनका मानना है कि समझौतों के प्रावधानों को आगे रखकर ही मामले का हल निकाला जा सकता है। उन्होंने सिंधु जल विवाद का जल्द हल निकलने की उम्मीद जतायी गई। उन्होंने आगे कहा कि वो समझते हैं कि विश्व बैंक भी उनके नजरिए की सराहना करेगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच बीते 14 और 15 अगस्त को विश्व बैंक की मध्यस्थता में सिंधु जल समझौते को लेकर एक बैठक हुई थी। हालांकि इस दौरान दोनों देश किसी समझौते तक नहीं पहुंच सके। दोनों देशों की ओर से दूसरे चरण की बैठक में किशनगंगा हाइड्रो इलैक्ट्रिक प्रोजैक्ट के मुद्दे पर चर्चा की गई थी, जिस पर पाकिस्तान की ओर से सवाल उठाया गया और मुद्दे को वाशिंगटन स्थित विश्व बैंक के समक्ष उठाया गया।
सिंधु जल समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 1960 में हुआ था.विश्व बैंक की निगरानी में दोनों देश की ओर से समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए थे। हालांकि समझौते में विश्व बैंक का रोल सीमित रखा गया। दोनों पक्ष की रजामंदी के बाद ही विश्व बैंक विवाद में मध्यस्थ बन सकेगा। बीते एक अगस्त को विश्व बैंक की मध्यस्थता में वार्ता आयोजित की गई थी, जो कि एक तरह की सद्भावना बैठक थी।