Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jan, 2018 04:59 PM
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संजय लीला भंसाली की बहुचर्चित फिल्म पद्मावत को लेकर उठे विवाद और विरोध प्रदर्शनों को काबू करने में प्रशासन की नाकामी को देश में निवेश और रोजगार के लिए घातक बताया है। केजरीवाल ने आज ट्वीट कर कहा कि केन्द्र...
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संजय लीला भंसाली की बहुचर्चित फिल्म पद्मावत को लेकर उठे विवाद और विरोध प्रदर्शनों को काबू करने में प्रशासन की नाकामी को देश में निवेश और रोजगार के लिए घातक बताया है। केजरीवाल ने आज ट्वीट कर कहा कि केन्द्र ,राज्य सरकारें और उच्चतम न्यायालय के साथ पूरी मशीनरी अगर एक फिल्म की रिलीज भी सुनिश्चित नहीं कर पा रहीं है तो ऐसे में देश में निवेश की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशकों की बात तो दूर है घरेलू निवेशक भी निवेश से कतराएंगे। यह देश की Þकमजोर होती अर्थव्यवस्था के लिए भी अहितकर है। इससे देश में रोजगार के अवसर भी घटेंगे।
मुख्यमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब करणी सेना ने कल पद्मावत के रिलीज होने पर उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवहलेना करने का ऐलान करते हुए जनता कर्फ्यू का आह्वान किया है। फिल्म के विरोध में कुछ स्थानों पर हिंसा और आगजनी की घटनाएं भी हो रही हैं। रणवीर सिंह,दीपिका पादुकोण और शाहिद कपूर अभिनित यह फिल्म काफी विवादों में उलझने के बाद आखिरकार कल रिलीज होने जा रही है।
करणी सेना का आरोप है कि फिल्म में रानी पद्मावती के किरदार को गलत ढ़ंग से पेश किया गया है जिससे राजपूतों की भावनाएं आहत हुयी हैं। हालांकि फिल्म निर्माता का कहना है कि फिल्म में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। यह फिल्म पहले एक दिसंबर 2017 को रिलीज होने वाली थी लेकिन करणी सेना के विरोध और सेंसर बोर्ड की कुछ आपत्तियों की वजह से इसके रिलीज में देरी हुयी। यह मामला उच्चतम न्यायालय में भी गया था जिसने फिल्म के प्रदर्शन को हरी झंडी दे दी ।