Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Oct, 2017 09:50 AM
क्या हिमाचल प्रदेश तथा गुजरात विधानसभा चुनावों की तारीखें ज्योतिषीय दृष्टि से हिसाब लगाकर तय की गई हैं, इसे लेकर सियासी हलकों में अलग-अलग चर्चाएं शुरू हो गई हैं। हिमाचल प्रदेश में मतदान की तारीख चुनाव आयोग द्वारा 9 नवम्बर तय की गई है। सबसे पहले केवल...
जालंधर (धवन): क्या हिमाचल प्रदेश तथा गुजरात विधानसभा चुनावों की तारीखें ज्योतिषीय दृष्टि से हिसाब लगाकर तय की गई हैं, इसे लेकर सियासी हलकों में अलग-अलग चर्चाएं शुरू हो गई हैं। हिमाचल प्रदेश में मतदान की तारीख चुनाव आयोग द्वारा 9 नवम्बर तय की गई है। सबसे पहले केवल हिमाचल प्रदेश की चुनावी तारीखें तय हुई थीं। उसके बाद सियासी हलकों में गुजरात चुनावों की तारीखें तय न होने के कारण काफी विवाद उठ खड़ा हुआ था।
कुछ समय उपरांत गुजरात विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान किया गया। गुजरात में दो चरणों में मतदान करवाया जा रहा है। पहले चरण में मतदान 9 दिसम्बर को करवाया जा रहा है। गुजरात के चुनावी नतीजे 18 को हिमाचल के साथ ही घोषित होने हैं। 18 का कुल जोड़ भी 9 (1+8) बनता है।
इस तरह हिमाचल तथा गुजरात चुनावों को अंक शास्त्र की दृष्टि से देखा जाए तो 9 अंक की प्रधानता सामने आती है। 9 अंक मंगल को दर्शाता है। इस तरह अब देखना यह है कि मंगल देवता किस पार्टी पर मेहरबान होते हैं परन्तु इतना जरूर है कि 9 अंक को लेकर सियासी हलकों में यह अवश्य कहा जा रहा है कि शायद इसके पीछे कोई ज्योतिषीय कारण भी रहा होगा।
भाजपा व कांग्रेस के बीच में रहेगी कड़ी टक्कर
दूसरी ओर ज्योतिषी संजय चौधरी ने कहा है कि चुनावी तारीखों तथा दोनों प्रमुख पार्टियों तथा भाजपा व कांग्रेस की कुंडलियों का विश्लेषण करने से पता चलता है कि विधानसभा चुनावों में दोनों पार्टियों के मध्य कड़ी टक्कर होने जा रही है। हिमाचल में कांग्रेस के खिलाफ सरकार विरोधी लहर के बावजूद वह भाजपा को करारी टक्कर देगी तथा त्रिशंकु विधानसभा भी सामने आ सकती है।
संजय चौधरी ने कहा कि गुजरात में पहले चरण में 89 सीटों पर मतदान होगा, जिसमें कांग्रेस को भाजपा के मुकाबले बढ़त मिलेगी। दूसरे चरण के तहत भाजपा को बढ़त रहेगी। कुल मिलाकर गुजरात चुनावों के आश्चर्यजनक नतीजे सामने आएंगे, जिसमें भाजपा के मुकाबले कांग्रेस को हलकी बढ़त हासिल हो सकती है।