Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Aug, 2017 07:58 PM
विकास के लिए शांति और सुरक्षा को आवश्यक करार देते हुए भारत ने आज कहा कि आतंकवाद, ङ्क्षहसक कट्टरपंथ
काठमांडो: विकास के लिए शांति और सुरक्षा को आवश्यक करार देते हुए भारत ने आज कहा कि आतंकवाद, हिंसक कट्टरपंथ और अंतर्राष्ट्रीय अपराध की समस्या से निपटने के लिए बिम्सटेक सांझा रणनीति पर काम कर रहा है। बिम्सटेक को भारत की ‘पड़ोसी पहले’ और ‘एक्ट ईस्ट’ की विदेश नीति की प्राथमिकताओं के अनुरूप ‘स्वाभाविक विकल्प’ करार देते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि दक्षिण और दक्षिणपूर्व एशिया को जोडऩा समूह की अनूठी ताकत है। ‘बे ऑफ बंगाल इनिशियटीव फॉर मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन’ (बिम्सटेक) की मंत्रिस्तरीय बैठक में सुषमा ने कहा कि विकास के लिए शांति और सुरक्षा आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बिम्सटेक के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुखों की मार्च 2017 में आयोजित पहली बैठक में क्षेत्र के लिए खतरा पैदा करने वाली पारंपरिक और अपारंपरिक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए समग्र कदम उठाए गए थे।
अंतरर्राष्ट्रीय अपराध से निपटने के लिए सांझा रणनीति पर कर रहे हैं काम
सुषमा ने कहा कि हम लोग आतंकवाद, हिंसक कट्टरपंथ और अंतरर्राष्ट्रीय अपराध की समस्या से निपटने, हमारी समुद्री और साइबर सुरक्षा सहयोग को और मजबूत बनाने को लिए सांझा रणनीति पर काम कर रहे हैं। इन क्षेत्रों में आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिम्सटेक को नई दिशा देना समूह का सांझा संकल्प है। सुषमा ने कहा कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी चौथे सम्मेलन में हिस्सा लेने को लेकर आशान्वित हैं क्योंकि हम लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए परिणाम आधारित और क्षेत्रीय सहयोग को लेकर लोगों पर केंद्रित कदमों के साथ एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल बिम्सटेक के सदस्य देश हैं। लंबे समय तक अस्वस्थ्य रहने के बाद पहली विदेश यात्रा पर आई सुषमा ने कहा कि वह इसलिए आई हैं क्योंकि बिम्सटेक ऐसा क्षेत्रीय समूह है जो भारत के लिहाज से सबसे अधिक महत्व वाला है।