Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Sep, 2017 06:58 PM
बच्चोँ के लिए जानलेवा साबित हो रहे ऑनलाइन गेम ब्लूव्हेल पर शिकंजा कसे जाने के बाद अब इसे सोशल मीडिया पर सक्रिय ‘सीक्रेट ग्रुप्स’ के जरिए...
नई दिल्ली : बच्चोँ के लिए जानलेवा साबित हो रहे ऑनलाइन गेम ब्लूव्हेल पर शिकंजा कसे जाने के बाद अब इसे सोशल मीडिया पर सक्रिय ‘सीक्रेट ग्रुप्स’ के जरिए बच्चोँ तक पहुंचाने की कोशिशें जारी हैं। केन्द्र सरकार ने इस खतरे से अभिभावकों को आगाह करते हुए इससे बच्चोँ को बचाने के लिए विशेष परामर्श जारी किए हैं।
इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा गत सप्ताह जारी विस्तृत परामर्श में ब्लूव्हेल गेम को बच्चोँ को खुदकुशी के लिए उकसाने वाला माना गया है। मंत्रालय ने कहा कि इंटरनेट सर्फिंग से जुड़ी विभिन्न रिपोर्टों में सोशल मीडिया पर सक्रिय तमाम गुप्त समूहों के जरिए इस गेम का प्रसार अभी भी जारी होने की सूचनाएं मिल रही है। इसके मद्देनजर सरकार ने अभिभावकों से बच्चोँ के गुपचुप तरीके से इंटरनेट पर सक्रिय रहने और उनकी सर्फिंग संबंधी जानकारियों को हिस्ट्री से मिटाने जैसी गतिविधियों पर सतत नजर रखने का परामर्श दिया है।
साइबर कानून एवं अपराध विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने सरकार की इस पहल का स्वागत करते हुए इस समस्या के लिए किए जा रहे तात्कालिक उपायों को नाकाफी बताया है। दुग्गल ने सरकार से सोशल मीडिया पर सक्रिय सीक्रेट ग्रुप्स पर शिकंजा कसने के लिए साइबर कानून में पुलिस को कोई अधिकार नहीं दिए जाने जैसी मौजूदा कानून की खामियों को दूर करने का सुझाव दिया है।
उन्होंने कहा कि पुलिस की साइबर अपराध शाखाओं द्वारा ऐसे समूहों को निष्क्रिय करने के गंभीर तात्कालिक उपाय करते हुए अभिभावकों के लिए जारी परामर्शों को सिर्फ सरकारी वेबसाइट पर चस्पा करने के बजाय व्यापक जागरुकता अभियान चलाना चाहिए। मंत्रालय द्वारा जारी परामर्श में अभिभावकों से अव्वल तो बच्चोँ की सोशल मीडिया में सक्रियता पर निगरानी सुनिश्चित करने को कहा है। इसके लिए अभिभावकों से घर में इंटरनेट सर्फिंग की निगरानी के लिए बाजार में उपलब्ध सॉफ्टवेयर सम्बन्धी तकनीकी उपाय अपनाने को कहा है।