मंत्रिमंडल में फेरबदल ने उड़ाई नए मंत्रियों की नींद

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Sep, 2017 04:54 PM

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मोदी सरकार के तीसरी बार मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार ने न केवल सियासी पंडितों बल्कि उनके नए मंत्रियों की भी नींद उड़ा दी है।

नई दिल्ली: मोदी सरकार के तीसरी बार मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार ने न केवल सियासी पंडितों बल्कि उनके नए मंत्रियों की भी नींद उड़ा दी है। मंत्रिमंडल में फेरबदल के साथ ही इन नए मंत्रियों को ज्यादा काम करने पड़ेगा क्योंकि सितंबर से बजट पर चर्चा शुरू हो जाती है और मंत्रियों को अपने डिपाटमेंट का बजट अनुमान वित्तमंत्रालय को भेजना पड़ता है। मोदी की कैबिनेट में कुल 75 मंत्री हैं। जिसमें 27 कैबिनेट मंत्री, 11 स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री और 37 राज्यमंत्री हैं। मोदी ने मंत्रिमंडल विस्तार करते हुए कुछ पुराने मंत्रियों को प्रमोशन किया है तो कुछ एक कंधे में बड़ी जिम्मेदारियों डाल दी हैं। 

इन मंत्रियों को करनी होगी ज्यादा मेहनत
PunjabKesariनिर्मला सीतारमण
मोदी का मंत्रिमंडल के फेरबदल अगर किसी के लिए सबसे ज्यादा चौंकाने वाला रहा तो वह हैं निर्मला सीतारमण जिन्हें सबसे अहम रक्षा मंत्रालय की कमान सौंपी गई है। इससे पहले वह वाणिज्य मंत्रालय संभालती थीं और उन्हें अपने मंत्रालय को लेकर बजट की अच्छी समझ थी। अब रक्षा मंत्री बनने के बाद उन्हें बजट तैयार करने के लिए अच्छी खासी तैयारी करनी होगी। आपको बता दें कि 2017 में केंद्र की ओर से 2,74,113 करोड़ रुपए का रक्षा बजट पेश किया गया था, जो जीडीपी का 1.62 प्रतिशत था। 
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पीयूष गोयल
मोदी के सबसे काबिल मंत्रियों में शुमार पीयूष गोयल को प्रमोशन देने के साथ उनकी जिम्मेदारियां भी बढ़ा दी गई हैं। लेकिन ऊर्जा मंत्री रहते हुए शानदार प्रदर्शन करने वाले पीयूष गोयल के लिए रेल मंत्रालय में भी अच्छा प्रदर्शन करना होगा जिसके लिए एक अच्छे बजट की जरुरत होगी। गोयल को रेल मंत्री और अश्विनी लोहानी को रेलवे बोर्ड का चेयरमैन बनाए जाने से रेलवे का प्रबंधन अब नए हाथों में चला गया है। जबकि 2017-18 के लिए महज 1,31,000 करोड़ रुपए की पूंजीगत खर्च की योजना बनाई गई है और अब रेल बजट भी अलग से नहीं पेश किया जाता है। 
PunjabKesariशहरी विकास मंत्रालय
भारतीय विदेश सेवा में 42 साल की सेवा देने के बाद अब सरकार में मंत्री बनाए गए हरदीप सिंह पुरी के लिए शहरी विकास मंत्रालय का बजट तैयार करवाना अपने आप में बड़ी चुनौती है। शहरी विकास मंत्रालय को पिछले साल बजट में मंत्रालय को 16 हजार 500 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई थी लेकिन खर्च नहीं हो पाया था। हालांकि हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि वह उपराष्ट्रपति और पूर्व शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू की मदद लेते रहेंगे। 
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सितंबर से शुरू होती है बजट निर्माण की प्रक्रिया
अगले वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए आम बजट इस बार शुरुआती दिनों यानि 1 फरवरी को पेश होगा जबकि पिछले साल तक केंद्रीय बजट माह की अंतिम दिनों यानि 
28 या 29 फरवरी को पेश होता था। इसके लिए वित्त मंत्री अरुण जेतली और उनकी टीम ने तैयारियों शुरू कर दी है। बजट निर्माण की प्रक्रिया सितंबर से शुरू हो जाती है जोकि बजट की रूपरेखा के लिए एक आवश्यक कदम है। सभी मंत्रालयों, विभागों और स्वायत्त निकायों को सर्कुलर भेजा जाता है, जिसके जवाब में विवरण के साथ उन्हें आगामी वित्तीय वर्ष के अपने-अपने खर्च, विशेष परियोजनाओं का ब्यौरा और फंड की आवश्यता की जानकारी देनी होती है।

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