सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय लेने के खिलाफ याचिका खारिज

Edited By ,Updated: 28 Oct, 2016 05:35 PM

dismisses petition against taking credit for surgical strike

उच्चतम न्यायालय ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा किए गए लक्षित हमले (सर्जिकल स्ट्राइक)का राजनीतिक श्रेय लेने के...

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा किए गए लक्षित हमले (सर्जिकल स्ट्राइक)का राजनीतिक श्रेय लेने के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई से शुक्रवार को इन्कार कर दिया। न्यायालय ने यह भी कहा कि सशस्त्र बल सरकार के प्रति जवाबदेह हैं अन्यथा देश में मार्शल लॉ लागू हो जाएगा।

न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की पीठ ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। याचिका में भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में की गई सर्जिकल स्ट्राइक में कथित तौर पर हस्तक्षेप करने और श्रेय लेने के लिए पर्रिकर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है। पीठ ने कहा,‘‘याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और इसलिए खारिज की जाती है।

सशस्त्र बल सरकार के प्रति जवाबदेह हैं, अन्यथा इस देश में मार्शल लॉ लग जाएगा। इस याचिका में कोई दम नहीं है।‘’याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने कहा कि रक्षा मंत्री सहित केंद्रीय मंत्री भारतीय सेना द्वारा किए गए लक्षित हमले का श्रेय ले रहे हैं जिसका श्रेय वे नहीं ले सकते, क्योंकि संविधान के मुताबिक सशस्त्र बलों का प्रमुख राष्ट्रपति होते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सशस्त्र बलों की कार्रवाई को कुछ लोग निजी हितों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

शर्मा ने उन लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की थी जिन्होंने इसमें हस्तक्षेप करने का प्रयास किया और सशस्त्र बलों द्वारा किए गए ऑपरेशन का श्रेय लिया। इस पर पीठ ने कहा,‘‘इसमें निजी हित क्या है? सशस्त्र बल सरकार के प्रति जवाबदेह हैं।‘’अदालत ने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और इसलिए खारिज की जाती है।

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