Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jan, 2018 05:21 PM
बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाला के चलते राज्य की सियासत गरमाई हुई है। चारा घोटाले में सीबीआई की कोर्ट द्वारा राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को दो मामलों में दोषी घोषित कर दिया गया है। इस घोटाले को उजागर करने में पांच अफसरों ने मुख्य भूमिका निभाई है।...
रांची/पटना: बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाला के चलते राज्य की सियासत गरमाई हुई है। चारा घोटाले में सीबीआई की कोर्ट द्वारा राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को दो मामलों में दोषी घोषित कर दिया गया है। इस घोटाले को उजागर करने में पांच अफसरों ने मुख्य भूमिका निभाई है।
जानकारी के अनुसार, अमित खरे उस समय वेस्ट सिंहभूम जिला (चाईबासा) के डेप्युटी कमिश्नर थे। उन्होंने सबसे पहले अवैध रुप से पशुपालन विभाग के कोषागार से हो रही निकासी का पर्दाफाश किया था। इस घोटाले का पर्दाफाश करने वाले दूसरे अफसर लाल एससी नाथ शाहदेव हैं। वह घोटाले के समय वेस्ट सिंहभूम जिला के अडिशनल डेप्युटी कमिश्नर थे। उन्हें बिलों का मिलान करते हुए इस घोटाले के बारे में जानकारी मिली थी।
इसके अतिरिक्त वीएच राव देशमुख जो उस समय वेस्ट सिंहभूम जिला के सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस थे, उन्होेंने भी इस घोटाले को उजागर करने में अहम भूमिका निभाई थी। अमित खरे और एससी नाथ शाहदेव द्वारा जब इस घोटाले की जानकारी वीएच राव देशमुख को दी गई, तो उन्होंने पुलिस विभाग को जांच के आदेश दिए थे। वेस्ट सिंहभूम जिले के सब डिविजनल ऑफिसर फिडलिस टोप्पो द्वारा घोटाले का पता लगने पर की गई छापेमारी में पूरा सहयोग दिया गया था। पांचवे और अंतिम अफसर एग्जिक्युटिव मैजिस्ट्रेट बिनोद चंद्र झा हैं। उन्होंने छापेमारी करने के दौरान जांच टीम को पूरा सहयोग दिया।