Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jul, 2017 12:20 AM
जम्मू कश्मीर को वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था के दायरे में लाने के लिए राष्ट्रपति पद के आदेश में जम्मू कश्मीर में धारा 370 के दायरे के अतर्गत जी.एस.टी. लागू करना, जम्मू कश्मीर की विशेष स्थिति की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करवाना एवं राज्य सरकार की...
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर को वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था के दायरे में लाने के लिए राष्ट्रपति पद के आदेश में जम्मू कश्मीर में धारा 370 के दायरे के अतर्गत जी.एस.टी. लागू करना, जम्मू कश्मीर की विशेष स्थिति की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करवाना एवं राज्य सरकार की समेकित नीधि तथा विशेष कर शक्तियों की रक्षा आदि सम्मिलित करने का प्रस्ताव रखा गया है।
जम्मू कश्मीर विधानसभा के सदस्यों के पिछले 2 दिनों के दौरान नई कर व्यवस्था पर रख गए विचारों के उत्तर में वित्त मंत्री हसीब अहमद द्राबु ने कहा कि जम्मू कश्मीर के संविधान की धारा 5, जो कि राज्य को विशेष कर शक्तियां प्रदान करती हैं, में सरकार किसी भी परिस्थिति के अंतर्गत कोई संशोधन नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद के आदेश में किसी भी तरह से धारा 370 पर कोई समझोता न करने का प्रस्ताव रखा गया है। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. परिषद में जम्मू कश्मीर के संवैधानिक मुल्यों को सशक्त करने हेतु पर्याप्त सुरक्षा कवच रखे गए हैं। इसके अतिरिक्त इससे राज्य की विशेष कर शक्तियों एवं समेकित नीधि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
विपक्ष पर बरसे डा द्राबु
विपक्ष पर कडा रूख करते हुए डॉ. द्राबु ने कहा कि यह नई कर व्यवस्था विश्व एवं जम्मू कश्मीर में जन नीधि का एक विशाल जनतंत्रिकरण है जिससे एक उपभोक्ता राज्य होने के नाते हमें इससे बेहद लाभ होगा। हम जम्मू कश्मीर के संविधान को छू तक नहीं रहे हैं फिर संविधान के मूलभूत ढांचे का उल्लंघन करने का प्रश्न ही नही उठता है। पिछली सरकारों के दौरान केन्द्रीय सूचियों में 97 वस्तुओं में से 94 वस्तुएं जम्मू कश्मीर में लागू की गई थीं। विपक्ष राज्य के विशेष स्थान को मोहरा बना कर आम जनता को धोखा नही दे सकता।
धारा 370 का रखा जाएगा पूरा ध्यान
वित्त मंत्री ने कहा कि धारा 370, जो भारतीय संविधान के अतर्गत जम्मू कश्मीर को एक विशेष स्थान प्रदान करती है, को सुरक्षा सुनिश्चित करवाकर इसे राज्य के लोगों के विकास एवं उत्थान हेतु प्रयोग किया जाना चाहिए। यह बेहद दुखदपूर्ण है कि इसे विकास में एक वाधा के रूप में तथा झूठे मुददे उत्पन्न करने में प्रयोग किया जा रहा है। व्यवसाय समुदाय के भय पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि नई कर व्यवस्था के अंतर्गत केन्द्र एवं राज्य सरकार दोनों द्वारा उद्योग छूट एवं कर छूट जारी रहेगी।