Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Dec, 2017 03:26 PM
जरूरी दस्तावेज नहीं होने पर जब एक आदिवासी महिला को यहां एक सरकारी अस्पताल ने कथित तौर पर भर्ती नहीं किया तो उसे आज अस्पताल परिसर में एक नाले के पास प्रसव को मजबूर होना पड़ा और उसने एक बच्ची को जन्म दिया। हालांकि शहीद लक्ष्मण नायक मेडिकल कॉलेज और...
कोरापुट: जरूरी दस्तावेज नहीं होने पर जब एक आदिवासी महिला को यहां एक सरकारी अस्पताल ने कथित तौर पर भर्ती नहीं किया तो उसे आज अस्पताल परिसर में एक नाले के पास प्रसव को मजबूर होना पड़ा और उसने एक बच्ची को जन्म दिया। हालांकि शहीद लक्ष्मण नायक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने महिला को भर्ती नहीं करने के आरोपों को खारिज कर दिया है।
घटना की खबर फैलने के बाद अस्पताल ने बच्ची को विशेष नवजात देखभाल इकाई में भर्ती किया और 30 वर्षीय महिला की भी अस्पताल में देखभाल की गई। अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि मां और बच्ची दोनों की हालत स्थिर है। दसमंतपुर के तहत आने वाले जानीगुडा गांव की निवासी महिला कल अपनी मां और बहन के साथ अपने पति से मिलने आई थी जिसे बुधवार से बुखार आने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
महिला की मां का आरोप है कि इसी दौरान उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गयी और वह भर्ती होने के लिए स्त्रीरोग विभाग में गयी लेकिन अस्पताल के अधिकारियों ने उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया। हालांकि कोरापुट के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी ललित मोहन रथ ने आरोपों को खारिज कर दिया।