Edited By ,Updated: 26 Jul, 2016 08:35 PM
भाजपा के निष्कासित नेता दयाशंकर सिंह ने बसपा मुखिया मायावती के बारे में अभद्र टिप्पणी के बारे में बसपा की तरफ से ...
लखनउ: भाजपा के निष्कासित नेता दयाशंकर सिंह ने बसपा मुखिया मायावती के बारे में अभद्र टिप्पणी के बारे में बसपा की तरफ से उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देते हुए आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की। उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ में दाखिल याचिका में सिंह ने इस मामले में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाये जाने का अनुरोध किया है।
सिंह के अधिवक्ता दिलीप कुमार श्रीवासतव ने कहा, ‘‘याचिका पर 28 जुलाई को सुनवाई हो सकती है।’’ बसपा मुखिया मायावती के बारे अभद्र टिप्पणी के आरोप में 20 जुलाई को राजधानी के हजरतगंज पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। बसपा नेता मेवालाल गौतम की तरफ से दर्ज प्राथमिकी में सिंह के खिलाफ अनुचित जाति एवं जनजाति तथा भारतीय दंड संहिता की कई अन्य धाराएं लगायी गई है। प्राथमिकी के साक्ष्य के रूप में सिंह द्वारा मउ में मायावती के खिलाफ की गई टिप्पणी की रिकार्डिग की सीडी भी प्रस्तुत की गई है।
प्राथमिकी दर्ज कराने पहुंचे नेताआें में विधानसभा में बसपा और प्रतिपक्ष के नेता गयाचरण दिनकर विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता नसीमुद्दीन सिट्दीकी के साथ बडी संख्या में पार्टी नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे। सिंह गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने उनके आवास और विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी भी की है और हजरतगंज पुलिस ने कल जिले की एससी-एसटी अदालत से उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी हासिल कर लिया है। बसपा मुखिया के खिलाफ अभद्र टिप्पणी को लेकर भाजपा ने प्रदेश उपाध्यक्ष रहे सिंह को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है।