लोकसभा चुनाव: ...तो बन सकती है थर्ड फ्रंट की सरकार

Edited By Anil dev,Updated: 16 May, 2019 10:53 AM

lok sabha elections p vijayan hd kumar swamy bjp

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में पहुंचने के साथ ही केंद्र में सरकार बनाने के प्रयास और अटकलें तेज हो गई हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव इस सिलसिले में केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमार स्वामी और द्रमुक...

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में पहुंचने के साथ ही केंद्र में सरकार बनाने के प्रयास और अटकलें तेज हो गई हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव इस सिलसिले में केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमार स्वामी और द्रमुक नेता एम. स्टालिन से मुलाकात कर चुके हैैं। वह जनता दल सैकुलर के नेता एच.डी. देवेगौड़ा और वाई.एस.आर. कांग्रेस के नेता जगनमोहन रैड्डी से भी संपर्क में हैं। केंद्र में थर्ड फ्रंट की सरकार बनने की संभावनाएं तभी परवान चढ़ सकती हैैं जब भाजपा के नेतृत्व वाला एन.डी.ए. और  कांग्रेस के नेतृत्व वाला यू.पी.ए. लोकसभा में बहुमत के आंकड़े से बहुत दूर रह जाए।

11 माह चली वी.पी. सिंह सरकार
1989 में विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व में थर्ड फ्रंट की सरकार बनी थी। राष्ट्रीय मोर्चा की इस सरकार को वामदलों और भाजपा ने बाहर से समर्थन दिया था। यह सरकार 11 माह ही चल पाई। उस समय की सरकार ने मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू की तो उसी दौरान भाजपा नेता लाल कृष्ण अडवानी ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए रथ यात्रा निकाली। अडवानी को बिहार में गिरफ्तार किए जाने पर भाजपा ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया और राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार गिर गई।  

13 दिन चली वाजपेयी सरकार
वर्ष 1996 में 13 दलों को मिलाकर बना संयुक्त मोर्चा अपना नेता चुनने में लगा था कि राष्ट्रपति ने 161 सीटों वाले सबसे बड़ा दल भाजपा को सरकार बनाने का निमंत्रण दे दिया। अटल बिहारी वाजपेयी पी.एम. बने लेकिन बहुमत नहीं जुटा पाए और उन्हें 13 दिन में ही इस्तीफा देना पड़ा।

7 माह चली चंद्रशेखर सरकार
इसके बाद जनता दल में फूट से बनी समाजवादी जनता पार्टी के नेता चंद्रशेखर ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई लेकिन वह भी 7 माह से अधिक नहीं चल पाई और देश में मध्यावधि चुनाव कराने पड़े। 

11 माह चली देवेगौड़ा सरकार
1996 में अटल बिहारी वाजपेयी के बाद संयुक्त मोर्चा ने एच.डी. देवेगौड़ा को अपना नेता चुना और उन्होंने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई। कांग्रेस के साथ मनमुटाव हो जाने से उन्हें 11 माह में ही अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। 

11 माह चली गुजराल सरकार
एच.डी. देवेगौड़ा के स्थान पर इंद्र कुमार गुजराल संयुक्त मोर्चा के नेता बने और एक बार फिर कांग्रेस के समर्थन से संयुक्त मोर्चा की सरकार बनी लेकिन यह सरकार भी 11 महीने में गिर गई और 1998 में लोकसभा के नए चुनाव कराने पड़े।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!