Edited By ,Updated: 27 Sep, 2016 12:38 PM
मोदी सरकार जमीन पर ही नहीं पानी के अंदर भी सीमा पार से घुसपैठ को रोकने की दिशा में काम कर रहा है। पश्चिमी मोर्चे पर 1000 करोड़ की मल्टी लेयर सिक्योरिटी स्थापित
नई दिल्लीः मोदी सरकार जमीन पर ही नहीं पानी के अंदर भी सीमा पार से घुसपैठ को रोकने की दिशा में काम कर रहा है। पश्चिमी मोर्चे पर 1000 करोड़ की मल्टी लेयर सिक्योरिटी स्थापित करने पर काम हाे रहा है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक यह स्वदेशी सेंसर तकनीक पानी के नीचे घुसपैठियों का पता लगाने वाली तकनीकी ग्रिड का हिस्सा होगी, जिसके तहत लेजर वॉल्स (लेजर बीम्स की दीवार), ग्राउंड सेंसर और थर्मल इमेजर्स को नदियों में अंतराल पर लगाया जाएगा।
पानी में घुसपैठ की अाशंका
उरी में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार ने 18 सिंतबर को यह फैसला लिया। जानकारी के मुताबिक, सुरक्षा से जुड़े लोगों का मानना है कि पानी के भीतर घुसपैठ की स्पष्ट संभावना है, क्याेंकि पानी में तैरना और डाइविंग जैसी चीजें आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की ट्रेनिंग का हिस्सा है। ऐसे में आतंकी भविष्य में इस तरीके से घुसपैठ करने का प्रयास कर सकते हैं।
बॉर्डर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी
सूत्राें की मानें ताे सुरक्षा के लिहाज से गृह मंत्रालय पहले ही कई बॉर्डर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे चुका है और बीएसएफ लेजर तकनीक को इंफ्रा रेड तकनीक से बदलने पर काम कर रहा है। क्योंकि लेजर की किरणें दिखाई देती है इसलिए इंफ्रा रेड के प्रयोग को विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करने पर विचार हो रहा है। गौरतलब है कि उरी हमले में 20 जवान शहीद हो गए थे, जबकि सेना ने 4 आतंकियों को मौके पर मार गिराया था। इस हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।