Edited By ,Updated: 25 May, 2016 06:59 PM
17 साल की मोनिका मोरे हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणास्त्राेत हैं जिन्होंने जीवन में संकट और आपदा को पल पल जिया है।
नई दिल्लीः 17 साल की मोनिका मोरे हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणास्त्राेत हैं जिन्होंने जीवन में संकट और आपदा को पल पल जिया है। एक ट्रैन दुर्घटना में अपने दोनों हाथ खोने के बावजूद मोनिका ने जिस तरह जिंदगी काे एक मुकाम दिया, वह वाकई में काबिले तारीफ है। जहां इतनी बड़ी दुर्घटना को भूलने में कुछ व्यक्तियों को सालों लग जाते हैं, वही मोनिका दोनों हाथ खोकर भी अपनी बारहवीं की परीक्षा में अच्छे नंहराें से पास हुई।
जानकारी के मुताबिक, माेनिका ने बारहवीं में 63 प्रतिशत अंक प्राप्त किए जो अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। मोनिका अपने कृत्रिम हाथों के सहारे परीक्षा देने गई थीं पर इससे उसकी लिखने की गति बहुत ही कमथी। उनकी दोस्त ने परीक्षा में उत्तर लिखने में उनकी सहायता की। मोनिका के माता-पिता को अपनी बेटी पर गर्व है और वो उसे आगे भी पढ़ाना चाहते हैं। मोनिका की मां का कहना है कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है।