Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Dec, 2017 10:56 PM
अपने धर्म को लेकर विवादों आने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वह और उनके परिवार के सदस्य ‘शिवभक्त’ हैं लेकिन राजनीतिक फायदे के लिए वो अपने धर्म का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं
नेशनल डेस्कः अपने धर्म को लेकर विवादों आने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वह और उनके परिवार के सदस्य ‘शिवभक्त’ हैं लेकिन राजनीतिक फायदे के लिए वो अपने धर्म का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं। गुजरात में व्यापारियों की बैठक को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि उन्हें अपने धर्म के बारे में किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है और न ही वह धर्म को लेकर ‘दलाली’ करते हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं ने सोमनाथ मंदिर में गैर हिंदुओं वाले रजिस्टर में उनका नाम दर्ज कर दिया, जिसकी वजह से विवाद हुआ।
हम धर्म का वाणिज्यीकरण नहीं करना चाहते
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, मेरी दादी (इंदिरा गांधी) और मेरा परिवार शिवभक्त है लेकिन हम इन चीजों को निजी रखते हैं। हम आमतौर पर इस बारे में बातचीत नहीं करते हैं, क्योंकि, हमारा मानना है कि यह बेहद व्यक्तिगत मामला है और हमें इस बारे में किसी के सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा, हम इसका वाणिज्यीकरण नहीं करना चाहते हैं। हम इसको लेकर दलाली नहीं करना चाहते हैं। हम इसका राजनैतिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने इस बातचीत का वीडियो मीडिया से साझा किया है।
भाजपा के लोगों ने दूसरी पुस्तिका में लिखा मेरा नाम
इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि मैं आपको बताऊंगा कि कल क्या हुआ। मैं मंदिर के भीतर गया। तब मैंने विजिटर्स बुक पर हस्ताक्षर किए। उसके बाद भाजपा के लोगों ने दूसरी पुस्तिका में मेरा नाम लिख दिया। सरदार वल्लभभाई पटेल और जवाहर लाल नेहरू के बीच संबंधों पर राहुल ने कहा कि वे कुछ राजनीतिक और विचारधारात्मक मतभेदों के बावजूद मित्र थे। उन्होंने कहा, 'यद्यपि वे मित्र थे और साथ जेल भी गये, लेकिन कुछ लोग यहां झूठ फैला रहे हैं कि वे दुश्मन थे। साथ ही इस बात के सबूत हैं कि सरदार पटेल आरएसएस के खिलाफ थे। लेकिन कुछ लोग यहां झूठ फैला रहे हैं कि वह आरएसएस से सहानुभूति रखते थे। यह सही नहीं है।'
बता दें, राहुल के बुधवार को सोमनाथ मंदिर जाने के बाद विवाद हो गया था जब अहमद पटेल के साथ उनका नाम गैर हिंदुओं वाले रजिस्टर में पाया गया। कांग्रेस ने इसे ‘फर्जी’ करार दिया था जबकि भाजपा इस बात पर जोर दे रही थी कि कांग्रेस उपाध्यक्ष लोगों के सामने अपने धर्म की घोषणा करें।