Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Sep, 2017 03:42 PM
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी ) ने गाजीपुर लैंडफिल से कूड़ा उठाने के लिए निविदा जारी करने में हो रही देरी पर पूर्वी दिल्ली नगर निगम को कड़ी फटकार लगायी है।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी ) ने गाजीपुर लैंडफिल से कूड़ा उठाने के लिए निविदा जारी करने में हो रही देरी पर पूर्वी दिल्ली नगर निगम को कड़ी फटकार लगायी है। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने आज पूर्वी दिल्ली नगर निगम से जानना चाहा कि आखिर वह कूड़ा उठाने के लिए निविदा निकालले में देर क्यों कर रहा है।
उन्होंने इस कोताही पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि लगता है कि निगम की अदालत के आदेश को संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाने में कोई रूचि नहीं है। दरअसल, पूर्वी दिल्ली के बाहरी क्षेत्र स्थित गाजीपुर लैंडफिल के कूड़े के पहाड़ का एक हिस्सा पहली सिंतबर को अचानक ढह गया था जिससे दो लोगों की मौत हो गयी थी। इस घटना के बाद निगम की ओर से लापरवाही की खबरें सामने आयी थीं जिसमें कहा गया था कि गाजीपुर के जिस कचरा स्थल पर पूर्वी दिल्ली का कूड़ा डाला जा रहा था वहां कचरा डालने की मियाद 15 साल पहले 2002 में ही समाप्त हो गयी थी, लेकिन तमाम चेतावनी को नजरअंदाज करके वहां कूड़ा फेंका जा रहा था। कूड़े के इस ढेर के लिए 20 मीटर ऊंचाई की मंजूरी दी गयी थी, लेकिन इसकी ऊंचाई 50 मीटर को पार कर चुकी थी।
इस मामले को लेकर काफी हो-हल्ला मचने के बाद एनजीटी ने 13 सितंबर को दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वह कूड़े को बेवजह डंप न करे क्योंकि इससे लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। एनजीटी ने दिल्ली सरकार के वकील से पूछा था कि क्या लैंडफिल साइट्स नगरपालिका ठोस कचरा प्रबंधन के नियमों के तहत काम कर रहे हैं।
एनजीटी ने गाजीपुर लैंडफिल साइट््स को लेकर दिल्ली सरकार और नगर निगम की एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने के मामले में भी खिंचाई की थी और कहा था कि अगर कचरे को कम किया जाता और रिसाइकिल किया जाता तो गाजीपुर लैंडफिल साइट के ढहने की नौबत नहीं आती। एनजीटी ने इस बात पर भी चिन्ता जताई थी कि उसके 2015 के दिशा-निर्देशों के बावजूद कचरा कम करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गयी। एनजीटी ने दिल्ली सरकार से यह भी कहा था कि दिल्ली में कहीं भी कचरा पड़ा नहीं होना चाहिए।