Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Aug, 2017 02:01 PM
बिहार में महागठबंधन की सरकार गिरने के बाद राजद पार्टी अपने राजनीति भविष्य को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है।
पटनाः बिहार में महागठबंधन की सरकार गिरने के बाद राजद पार्टी अपने राजनीति भविष्य को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है। राजद ने विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के पद पर राबड़ी देवी को नियुक्त करने का दावा किया। परिषद में राजद के सदस्यों की संख्या को देखते हुए उपसभापति द्वारा इस दावे को खारिज कर दिया गया है। संवैधानिक नियमों के अनुसार नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए सदन में दावेदार पार्टी के कम से कम 10 फीसदी सदस्य होने चाहिए। 75 सदस्यों वाली बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए किसी भी दल को आठ सदस्यों की जरूरत है। राजद के पास अभी सिर्फ सात सदस्य ही हैं।
बता दें कि बिहार में महागठबंधन की सरकार के समय विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष भाजपा के सुशील मोदी थे। एनडीए की सरकार के आगमन से मोदी जी उपमुख्यमंत्री बन गए हैं। इसी के चलते नेता प्रतिपक्ष का पद खाली हो चुका है।