Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Dec, 2017 08:46 PM
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह समिति बैंकिंग सेक्टर के समक्ष उपजी तकनीकी समस्याओं और उससे जुड़े खतरों से निपटने के लिए नीति-निर्धारण के काम में जुटा है। एक अन्य सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री ने कहा, ''बैंक लूट, चोरी, डकैती और ठगी की घटनाएं...
नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को लोकसभा में यह जानकारी दी कि बीते वित्तीय वर्ष में बैंकों को धोखाधड़ी के चलते 16,789 करोड़ रुपए की चपत लगी है। वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने सदन में दिए जवाब में कहा, 'वित्तीय वर्ष 2016-17 में बैंकों को 16,789 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है।' उन्होंने बताया कि बैंकिंग सेक्टर में साइबर सिक्योरिटी को लेकर समिति का गठन किया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह समिति बैंकिंग सेक्टर के समक्ष उपजी तकनीकी समस्याओं और उससे जुड़े खतरों से निपटने के लिए नीति-निर्धारण के काम में जुटा है। एक अन्य सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री ने कहा, 'बैंक लूट, चोरी, डकैती और ठगी की घटनाएं 2016-17 में देश के कई भागों में घटित हुई हैं। ऐसी घटनाओं में बैंकों को 65.3 करोड़ रुपए की चपत लगी है।'
मौजूदा वित्तीय वर्ष में बैंकों में 393 घटनाएं हुई हैं, जिनमें 14.48 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। शुक्ला ने कहा कि आरबीआई की ओर से बैंकों को लगातार यह सलाह दी जाती रही है कि वे अपनी शाखाओं और एटीएम बूथों की सुरक्षा को पुख्ता करें।
वहीं, दूसरे वित्त राज्य मंत्री पी. राधाकृष्णन ने कहा कि बड़े पैमाने पर पिछले दिनों 500 और 2000 रुपए के नकली नोट पकड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकतर नोट स्कैन किए हुए थे या फिर फोटोकॉपी की गई थी। इनमें से ज्यादातर नकली नोटों के सीरियल नंबर प्रचलित नोटों के नंबर जैसी ही पाए गए।