Edited By ,Updated: 29 Apr, 2017 07:25 PM
सरकार मध्यावधि में सभी ऊर्जा स्रोतों से मिलने वाली बिजली की मानक दर को 3 रुपए प्रति यूनिट करने के बारे में विचार कर रही है। इसमें तापीय, सौर और पवन ऊर्जा ने मिलने वाली बिजली शामिल है।
नई दिल्लीः सरकार मध्यावधि में सभी ऊर्जा स्रोतों से मिलने वाली बिजली की मानक दर को 3 रुपए प्रति यूनिट करने के बारे में विचार कर रही है। इसमें तापीय, सौर और पवन ऊर्जा ने मिलने वाली बिजली शामिल है। बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने उद्योग संगठन सी.आई.आई. के सालाना सत्र में कहा कि सरकार का मध्याविध में सभी स्रोतों से मिलने वाली बिजली की दर को 3 रुपए प्रति यूनिट सुनिश्चित करने का लक्ष्य है। कार्यक्रम के बाद सी.आई.आई. द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि गोयल ने आश्वासन दिया है कि किसानों के लिए बिजली की दरें नहीं बढ़ाई जाएंगी।
भारत पहली बार बना बिजली सरप्लस वाला देश
गोयल ने कहा कि पॉलिसी रिफॉर्म्स और रिसोर्सेज के इस्तेमाल से लगभग 100 गीगा वाट अटकी और मुश्किल में फंसी हुईं एसेट्स को रिवाइव किया गया है। बीते वित्त वर्ष के दौरान बिजली की डिमांड 6.5 फीसदी बढ़ी और इसके बावजूद भारत पहली बार सरप्लस बिजली वाला देश बन गया। गोयल ने कहा कि डीडीयू ग्राम ज्योति योजना ने 18452 गांवों के इलैक्ट्रिफिकेशन का 75 फीसदी लक्ष्य हासिल किया है।