Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jun, 2017 03:49 PM
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मंदसौर जाने से रोके जाने पर मध्य प्रदेश सरकार पर बरसते हुए शिवसेना ने आज कहा
मुंबई: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मंदसौर जाने से रोके जाने पर मध्य प्रदेश सरकार पर बरसते हुए शिवसेना ने आज कहा कि यह लोकतंत्र के लिए घातक है और विपक्षी नेताओं तथा पीड़ितों के बीच दीवार खड़ी करना गलत है। शिवसेना ने रेखांकित किया कि भाजपा राहुल को लगातार कमजोर और अप्रभावी नेता कहती रही है और अगर एेसा है तो उन्हें मंदसौर में प्रवेश करने से रोकने की कोई वजह नहीं है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा कि विपक्षी दलों के नेताओं को सरकार की बर्बरता से प्रभावित लोगों के परिवारों से मिलने का पूरा अधिकार है।
'मध्य प्रदेश में स्थिति कितनी गंभीर'
6 जून को मंदसौर में ऋण माफी और अपनी उपज के उचित मूल्य की मांग कर रहे किसानों का आंदोलन हिंसक हो गया था जिसमें 5 किसानों की मौत हो गई थी। इसके अलावा, मंदसौर के बडवान गांव के 26 वर्षीय किसान की कथित तौर पर पुलिस द्वारा पिटाई के बाद मौत हो गई थी। इन घटनाओं के मद्देनजर राहुल मंदसौर जाकर मृतकों के परिजनों से मिलना चाहते थे लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई। बाद में पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को भी पुलिस ने मंदसौर पहुंचने से पहले लौटा दिया था। संपादकीय में कहा गया, पहले राहुल फिर हार्दिक को रोकना यह बताता है कि मध्य प्रदेश में स्थिति कितनी गंभीर है।
तो क्या आसमान टूट पड़ता?
संपादकीय में कहा गया, जब कभी सरकार इस तरह की बर्बरता में शामिल होती है तो हमारा लोकतंत्र हर संवेदनशील नेता को पीड़ित परिवारों से मिलने का अधिकार देता है। शिवसेना ने पूछा कि अगर राहुल को पीड़ित परिवारों से मिलने की अनुमति दे दी जाती, तो क्या आसमान टूट पड़ता? इसमें कहा गया, अगर सरकार के पास किसानों पर गोली चलाने की इजाजत देने और फिर उन्हें मुआवजा देने का अधिकार है तो विपक्ष के नेताओं के पास भी पीड़ितों से मिलने, उनकी दशा समझने और उनके आंसू पोछने का अधिकार है।