Edited By ,Updated: 13 Apr, 2017 09:45 PM
उच्चतम न्यायालय ने उस याचिका पर राजस्थान सरकार और मेडिकल काउंसिल ...
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने उस याचिका पर राजस्थान सरकार और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) से जवाब मांगा है जिसमें उच्च न्यायालय के एक आदेश को रद्द करने की मांग की गई है। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए इस साल की राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में एेसे डॉक्टरों को कुछ प्रोत्साहन अंक दिए जाएं जिन्होंने सुदूर क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दी हैं।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति एम एम शांतनागौदार की पीठ ने 10 फीसदी प्रोत्साहन अंक पर उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा और अभी चल रही काउंसेलिंग की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। बहरहाल, पीठ ने स्पष्ट कर दिया कि मौजूदा सत्र में पीजी पाठ्यक्रमों में दाखिला याचिका पर फैसले पर निर्भर करेगा। पीठ ने कहा, ‘‘काउंसेलिंग प्रक्रिया जारी रहेगी। बहरहाल, दाखिला इस याचिका पर आने वाले फैसले पर निर्भर करेगा ।’’ मामले की अगली सुनवाई अब 17 अप्रैल को होगी। अमित बागरा और अन्य डॉक्टरों की आेर से यह अर्जी दाखिल की गई है। उनके पास एमबीबीएस की डिग्री है, लेकिन वे सरकारी सेवा में नहीं हैं। उन्होंने राजस्थान उच्च न्यायालय के सात अप्रैल के आदेश को चुनौती दी है।
इस आदेश में न्यायालय ने सुदूर क्षेत्रों के अस्पतालों में सेवाएं दे रहे राजस्थान सरकार के डॉक्टरों को नीट-2017 में 10 फीसदी प्रोत्साहन अंक देने की राज्य सरकार की नीति को बरकरार रखा था ।