Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Feb, 2018 01:55 PM
एक तरफ हम देश बदलने की बात कर रहे हैं वहीं कुछ वाक्ये आज भी हमारे आस पास ऐसे हो रहे हैं जो कि हमें सोचने के लिए मजबूर कर देते हैं। तमिलनाडु के एक सरकारी अस्पताल एक ऐसा ही मामला देखने को मिला जहां बच्चों को अपनी मां के अंतिम संस्कार के लिए भीख मांगनी...
नई दिल्ली: एक तरफ हम देश बदलने की बात कर रहे हैं वहीं कुछ वाक्ये आज भी हमारे आस पास ऐसे हो रहे हैं जो कि हमें सोचने के लिए मजबूर कर देते हैं। तमिलनाडु के एक सरकारी अस्पताल एक ऐसा ही मामला देखने को मिला जहां बच्चों को अपनी मां के अंतिम संस्कार के लिए भीख मांगनी पड़ी।
महिला को था ब्रेस्ट कैंसर
जानकारी मुताबिक विजया नाम की महिला के पति की मौत 9 साल पहले हो गई थी। वह अपने दो बेटों और एक बेटी को पालने के लिए विजया तब से ही मजदूरी कर रही थीं। घर की हालत देखकर दोनों बेटे भी बाल-मजदूरी करने को मजबूर हैं। कुछ महीने पहले जब पता चला कि विजया को ब्रेस्ट कैंसर है तो घरवालों के लिए और मुश्किलें बढ़ गई। विजया बिस्तर पर पड़ी थीं लेकिन कोई रिश्तेदार भी मदद को सामने नहीं आया। उन्होंने अपनी बेटी कलीश्वरी को एक चाइल्ड केयर सेंटर में भेज दिया। पड़ोसियों की मदद से किसी तरह बेटों ने विजया को डिंडीगुल के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया। विजया की मौत के बाद उनके बेटों के पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे। कोई और चारा ना देखकर दोनों ने अस्पताल कैंपस में ही भीख मांगना शुरु कर दिया।