Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Nov, 2017 05:38 PM
केरल में 31 दिन पहले जन्मी नवजात बच्ची फातिमा के लिए एक एंबुलेंस ड्राइवर फरिश्ता बनकर आया। उसने 500 किलोमीटर की दूरी मात्र 7 घंटे में तय कर बच्ची की जान बचा ली। दरअसल फातिमा दिल की बीमारी से ग्रस्त थी। हार्ट सर्जरी के लिए उसे कुन्नूर के परियाराम...
नेशनल डेस्क: केरल में 31 दिन पहले जन्मी नवजात बच्ची फातिमा के लिए एक एंबुलेंस ड्राइवर फरिश्ता बनकर आया। उसने 500 किलोमीटर की दूरी मात्र 7 घंटे में तय कर बच्ची की जान बचा ली। दरअसल फातिमा दिल की बीमारी से ग्रस्त थी। हार्ट सर्जरी के लिए उसे कुन्नूर के परियाराम मेडिकल कालेज से 500 किलोमीटर दूर तिरुअनंतपुरम के श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेस एंड टेक्नोलॉजी रेफर किया गया था। इतनी दूरी तय करने में कम से कम 14 घंटे का समय लगना था।
डाक्टरों ने कहा था कि बच्ची को किसी भी हालत में 8-9 घंटे में अस्पताल पहुंचना ही होगा। वायु मार्ग से बच्ची को ले जाना संभव नहीं था। यदि ऐसा होता तो, शायद बच्ची के स्वास्थ्य पर असर हो सकता था। ड्राइवर तमीम ने बताया कि यह उसकी जिंदगी की सबसे चुनौतीपूर्ण ड्राइविंग थी। उसे पहले तो यह काम असंभव लगा लेकिन फिर उसे डाक्टरों ने बताया कि रास्ता साफ करवाने में पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ता उसकी मदद करेंगे, तो उसकी हिम्मत बढ़ गई और उसने इस चुनौती को स्वीकार किया।
15 नवंबर रात 8.30 बजे तमीम एंबुलेंस में बच्ची को लेकर कुन्नूर से चला। पूरे रास्ते पर ग्रीन कॉरिडॉर बनाया गया इस दौरान उसे हर जिले में सामाजिक कार्यकर्ता और पुलिस के जवान रास्ता साफ करवाते मिले। इस दौरान एंबुलेंस कहीं नहीं रूकी और आखिरकार सुबह करीब 3.23 मिनट पर उसने बच्ची को अस्पताल पहुंचा दिया।