साउथ की ओर कूच कर गया भगवा रथ, केरल से आगाज की तैयारी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Aug, 2017 02:41 PM

union minister arun jaitley visits family of rss worker in kerala

केरल में आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या को आधार बनाकर बीजेपी साउथ में अपनी जड़े मजबूत करने में जुट गई है।

तिरुवनंतपुरम: केरल में आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या को आधार बनाकर बीजेपी साउथ में अपनी जड़े मजबूत करने में जुट गई है। इसलिए पार्टी हाईकमान ने अपने सीनियर्स लीडर्स को इसकी कमान सौंपी है। इसी रणनीति के तहत वित्त मंत्री अरुण जेतली रविवार को तिरुवनंतपुरम पहुंचे। वहीं, राजनीतिक जानकार पूरे मामले को दूसरे चश्मे से देखकर समीक्षा में लगे हैं। उनका कहना है कि ये भगवा पार्टी का नया मिशन है।इसलिए जमीन हकीकत जानने के लिए अपने आला दर्जे के सिपहसलाकारों को भेजा गया है।


पीड़ितों के सहारे राजनीतिक जमीन की तलाश
हालांकि कार्यक्रम तो आरएसएस कार्यकर्ता राजेश के घर पहुंचने का था। जिसका कुछ महीने पहले मर्डर कर दिया गया था। केंद्रीय मंत्री उस आरएसएस कार्यकर्ता के घर भी जाएंगे जो सीपीएम सदस्यों के कथित हमले में बुरी तरह घायल हो गया था। इसके अलावा, वह हिंसा के शिकार अन्य पीड़ित परिवारों से भी बातचीत करेंगे। लेकिन राजनीतिक जानकार,  केरल में जेटली के आने का कुछ और ही मकसद बताते हैं। उनके अनुसार, मोदी सरकार राज्य में पार्टी की संभावनाओं और असल राजनीतिक हालात को समझने की कोशिश के तौर पर देख रही है।

कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राष्ट्रपति शासन
लंबे वक्त से यहां सत्ताधारी लेफ्ट और आरएसएस-बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प चली आ रही है। केंद्र सरकार का यह फैसला संघ और पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल काफी हद तक बढ़ाएगा। आरएसएस बीते काफी वक्त से राज्य में कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रहा है। इस मांग के नजरिए से भी जेटली का दौरा बेहद अहम है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति से लेकर विभिन्न विधानसभा चुनावों में राजनीतिक प्रभुत्व साबित करने के बाद बीजेपी अब इस तरह के क्षेत्रीय मुद्दों पर फोकस करने का मूड बना चुकी है।

आरएसएस चीफ का भी दौरा संभव
राज्य बीजेपी नेताओं से जुड़े नजदीकी सूत्रों ने कहा, 'सीपीएम को यह नहीं सोचना चाहिए कि बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ताओं की मौत का कोई असर नहीं होगा। शायद ऐसा पहली बार हो, जब सीपीएम को पूर्व में की गई अपनी सभी राजनीतिक हिंसा की कीमत चुकानी पड़े। शांति की किसी भी पहल का बीजेपी स्वागत करेगी, लेकिन पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इन राजनीतिक हत्याओं का इस्तेमाल करके राष्ट्रीय स्तर पर सीपीएम को शर्मसार करने में गुरेज भी नहीं करेगा।' कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आरएसएस चीफ मोहन भागवत भी हालात का जायजा लेने अगले हफ्ते केरल पहुंच सकते हैं।


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घोटाले से ध्यान भटकाने को दे रहे तूल
राजनीतिक विरोधियों की दलील है कि बीजेपी राज्य में हुए मेडिकल कॉलेज घोटाले की वजह से पार्टी को हुए नुकसान को कम करके की कोशिश कर रही है। पार्टी के कई नेताओं का नाम इस घोटाले में जुड़ा था। विरोधियों का यह भी तर्क है कि ध्यान भटकाने की रणनीति के तहत बीजेपी ने केरल पर फोकस किया है। सीपीएम के पोलित ब्यूरो के सदस्यों ने शुक्रवार को दावा किया कि बीजेपी जैसा दावा कर रही है, वैसा कुछ भी नहीं है। ये सभी हमले एकतरफा नहीं हैं। पार्टी का दावा है कि हाल के वक्त में बीजेपी और आरएसएस के सदस्यों के हमले में एक दर्जन से ज्यादा लेफ्ट कार्यकर्ताओं को जान गंवानी पड़ी और सैकड़ों लोग घायल हुए।

घर बचाने में जुटा सीपीएम
दरअसल, सीपीएम भी राज्य में हो रही हिंसा के राष्ट्रीय परिदृश्य में आने को लेकर चिंतित है और अपना घर बचाने की कोशिश में लग गई है। पार्टी ने मांग की है कि जेटली को उन लोगों के घरों का भी दौरा करना चाहिए जिनकी जान कथित तौर पर आरएसएस और बीजेपी सदस्यों की हिंसा में गई है। इसी क्रम में सीपीएम सदस्यों और पीड़ित परिवारों ने रविवार को तिरुअनंतपुरम स्थित राजभवन के सामने प्रदर्शन किया। यहां जेटली गवर्नर से मिलने के लिए आने वाले थे। गवर्नर ने आरएसएस मेंबर की हत्या पर सीएम को तलब किया था। सत्ताधारी पार्टी ने गवर्नर के बर्ताव पर सवाल उठाए थे।

 

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