Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jul, 2017 05:15 AM
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आर.एस.एस.) ने स्पष्ट किया है कि संघ गौरक्षा ....
जम्मू(बलराम): राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आर.एस.एस.) ने स्पष्ट किया है कि संघ गौरक्षा के नाम पर देश के विभिन्न भागों में हो रही हिंसा का समर्थन नहीं करता है। गऊओं की रक्षा पहले भी होती आई है और भविष्य में भी की जानी चाहिए, पर इसके लिए हिंसा का रास्ता अपनाना उचित नहीं है। साथ ही गौरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा के लिए समाज के किसी वर्ग विशेष को बदनाम करने की बजाय इन मामलों की जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डा. मनमोहन वैद्य ने यह बात जम्मू में सर संघ चालक मोहन भागवत की अध्यक्षता में चल रही संघ की बैठक की जानकारी देते हुए कही। इस अवसर पर संघ के जम्मू-कश्मीर प्रांत प्रमुख सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर सुचेत सिंह, प्रांत प्रचार प्रमुख अवतार कृष्ण एवं राजीव कुमार भी उपस्थित थे। डा. वैद्य ने कहा कि गौरक्षा के मामले में संघ ने पहल करते हुए देशभर में 1000 से अधिक गौशालाएं स्थापित की हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सख्ती के साथ आतंकवाद का मुकाबला करने की जरूरत है, लेकिन पश्चिम बंगाल की स्थिति इससे भी बदतर है। उन्होंने कहा कि देशभर में करीब 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान अवैध रूप से रह रहे हैं, केंद्र सरकार को संबंधित देशों से बातचीत कर इन मुसलमानों को उनके देशों में वापस भेजना चाहिए।
छात्रों, आई.टी. प्रोफैशनल्स पर संघ की नजर जम्मू में चल रही बैठक के दौरान कालेज के छात्रों और आई.टी. प्रोफैशनल्स पर संघ की नजर रही। इस संबंध में संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डा. मनमोहन वैद्य का कहना था कि संघ द्वारा समाज के प्रत्येक वर्ग को अपने साथ जोडऩे पर विचार किया गया है। समय के अभाव में आई.टी. प्रोफैशनल्स दैनिक शाखा में नहीं आ पाते, इसलिए फिलहाल 20 शहरों में उनके लिए साप्ताहिक मिलन कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।