Edited By ,Updated: 18 Jan, 2015 07:55 AM
एनफोर्समैंट डायरैक्टोरेट (ई.डी.) के संयुक्त निदेशक निरंजन सिंह के तबादले के साथ ही सियासी जंग शुरू हो गई है। कांग्रेस की अमृतसर रैली के संयोजक व विधायक राणा गुरजीत सिंह ने......
जालंधर (धवन): एनफोर्समैंट डायरैक्टोरेट (ई.डी.) के संयुक्त निदेशक निरंजन सिंह के तबादले के साथ ही सियासी जंग शुरू हो गई है। कांग्रेस की अमृतसर रैली के संयोजक व विधायक राणा गुरजीत सिंह ने आज निरंजन सिंह के तबादले को लेकर भाजपा पर सियासी हमला बोलते हुए कहा है कि निरंजन सिंह ने ड्रग रैकेट में कई दिग्गज अकाली नेताओं से पूछताछ की थी। अब अकाली दल की सहयोगी पार्टी भाजपा ने ही निरंजन सिंह का तबादला कर दिया।
उन्होंने कहा कि भाजपा की कथनी व करनी में भारी अंतर है। एक तरफ तो वह नशों को लेकर राग अलाप रही है, दूसरी ओर ड्रग रैकेट की जांच कर रहे ईमानदार अधिकारी का तबादला सियासी दबाव में कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले भाजपा ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रैली को रद्द किया तथा अब वह अकालियों के दबाव में आ गई है। राणा गुरजीत सिंह ने भाजपा के राष्ट्रीय सचिव तरुण चुघ को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनकी पार्टी में हिम्मत है तो वह पहले शराबबंदी को लागू करने के लिए पहल करें क्योंकि अगर वह ऐसा करती है तो कांग्रेस की ओर से शराबबंदी का सबसे पहले वह स्वयं समर्थन करेंगे।
उन्होंने कहा कि चुघ को पता नहीं कि उनकी पार्टी भाजपा के ही वास्तव में क्या आदर्श हैं। उन्होंने कहा कि चुघ को अपनी सलाह अपने पास रखनी चाहिए। भाजपा विधानसभा में नशों का समर्थन करने वाले अकालियों का साथ देती है तो बाहर कुछ और बोलती है। उन्होंने कहा कि चुघ को उनकी अयोग्यता के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि वह कभी भी विधानसभा या किसी अन्य वैधानिक मंडल के सदस्य नहीं बने। उन्होंने कहा कि चुघ को पहले अपनी पार्टी भाजपा के शराबबंदी के मुद्दे पर विचार लेने चाहिएं। उल्लेखनीय है कि चुघ ने राणा गुरजीत सिंह पर उनकी शराब डिस्टिलरियों को लेकर उंगलियां उठाई थीं जिसका आज उन्होंने जवाब दिया है।