आखिर किस बात की सजा मिल रही है इन बच्चों को

Edited By ,Updated: 01 Mar, 2015 02:05 AM

article

जिस समय खिलौनों के साथ बच्चों की खेलने की आयु होती है या मां-बाप की छाया में बैठ कर बच्चा कई अच्छी-बुरी बातें सीखता है, उस ...

गुरदासपुर (विनोद): जिस समय खिलौनों के साथ बच्चों की खेलने की आयु होती है या मां-बाप की छाया में बैठ कर बच्चा कई अच्छी-बुरी बातें सीखता है, उस आयु में 8 निर्दोष छोटे बच्चे अपनी माताओं के साथ जिला जेल गुरदासपुर में सजा काट रहे हैं।  
 
1 से 3 साल तक की आयु के ये बच्चे अपनी मां के साथ जिला जेल गुरदासपुर में दिन व्यतीत कर रहे हैं, परंतु जैसे ही इन बच्चों की आयु 4 साल की हो जाएगी इन्हें जेल छोडऩी पड़ेगी। 4 साल की आयु पूरी होने पर ये बच्चे कहां और किसके पास जाकर रहेंगे, यह भी एक समस्या है। इस तरह पहले भी कई बच्चों को अपनी मां को जेल में छोड़ कर जाना पड़ा है। जब भी मां व बच्चे को अलग किया जाता है तब जेल के महिला वार्ड में वातावरण बहुत ही भावुक हो जाता है। 
 
इस समय महिला वार्ड में 88 महिलाएं रह रही हैं, जिनमें से कुछ महिलाएं तो ऐसी हैं जिन्हें अदालत से सजा मिल चुकी है, जबकि अधिकतर महिलाएं ऐसी हैं जिनके केस अदालतों में चल रहे हैं। जेल में बंद महिलाओं में से अधिकतर महिलाओं के विरुद्ध धारा-302 या 304 के केस दर्ज हैं। इनमें से अधिकतर को अपनी बहुओं को मारने या मारने की कोशिश करने के कारण पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है, परंतु इन सभी महिलाओं में से 8 महिलाएं ऐसी हैं जिनके साथ उनके छोटी आयु के बच्चे भी रहते हैं। जेल में भी ये बच्चे कैदियों के बीच पल रहे हैं, जबकि जेल से बाहर आते ही इन पर इनकी मां हत्यारी है, का दाग लग जाएगा। 
 
जानकारी के अनुसार जेल मैन्युअल के अनुसार जिस महिला पर कोई आरोप होने के कारण उसे जेल भेजा जाता है और उसके बच्चे का पालन-पोषण करने वाला अन्य कोई न हो तो वह बच्चा चार साल की आयु तक अपनी मां के साथ रह सकता है। इस नियम के अधीन 3 बच्चे अपनी मां के साथ जेल में रहते हैं, जबकि चार साल पूरे होने पर या तो उसे कोई सामाजिक संगठन अपना सकता है या उसका कोई रिश्तेदार उसे अपने पास रख सकता है। 
 
यदि दोनों ही मामले में कोई आगे न आए तो बच्चे को ऑब्जर्वेशन होम में भेज दिया जाता है जो गुरदासपुर में भी है। गुरदासपुर में कुछ माह रख कर उसे होशियारपुर भेज दिया जाता है। होशियारपुर में इस तरह के बच्चों के रहने, खाने-पीने व शिक्षा आदि का सारा प्रबंध किया जाता है।
 
जेल अधिकारियों से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि गुरदासपुर जेल की क्षमता 750 कैदियों को रखने की है, जबकि इस समय इस जेल में 1244 कैदी रखे गए हैं। जेल में भारी रश होने के बावजूद कैदियों की हर सुविधा का ध्यान रखा जाता है और जेल नियमों को सख्ती से लागू किया जाता है। उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिए तो आधुनिक बैरेक बनाई गई है, जबकि पुरुषों के लिए भी 4 आधुनिक बैरेक बनाई गई हैं। जेल में कैदियों की मानसिकता बदलने के लिए कई तरह के धार्मिक व अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!