लाल फीताशाही में उलझा कम्प्यूटर अध्यापकों का वेतन

Edited By ,Updated: 03 Mar, 2015 01:57 AM

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इसको हमारे समाज की त्रासदी ही कहा जाएगा कि देश का भविष्य बनाने वाले अध्यापक खुद अपने भविष्य के लिए जद्दोजहद...

जलालाबाद: इसको हमारे समाज की त्रासदी ही कहा जाएगा कि देश का भविष्य बनाने वाले अध्यापक खुद अपने भविष्य के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं, जिस की ताजा मिसाल राज्य के 7000 कम्प्यूटर अध्यापकों से मिलती है जिन को पिछले 4 वर्षों के दौरान कभी भी समय पर वेतन नहीं मिला, वहीं आज भी गत जनवरी, फरवरी का वेतन पैंडिंग है और मार्च का महीना शुरू हो गया है।

इन विचारों का खुलासा कम्प्यूटर मास्टर यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष गुरविन्दर सिंह बाजवा ने आज यहां जारी एक प्रैस बयान में किया। श्री बाजवा ने कहा कि इन अध्यापकों के वेतन का मामला लाल फीताशाही में उलझा हुआ है। श्री बाजवा ने बताया कि फरवरी 2011 से लेकर आज तक उनको कभी भी समय पर वेतन नहीं मिला, जो कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बुरी कार्यप्रणाली का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

अधिकारी जान-बूझ कर करते हैं परेशान श्री बाजवा ने बताया कि उनके द्वारा लगातार वेतन  के संबंध में संबंधित दफ्तर के साथ संपर्क किया जा रहा है परन्तु जब भी संबंधित अधिकारियों के साथ इस बारे में बातचीत की जाती है तो उनका एक ही रटा-रटाया जवाब सुनने को मिलता है कि वेतन वाली फाइल खजाना दफ्तर पास होने के लिए गई है और जब भी फाइल पास होती है, वेतन खजाना दफ्तर में जमा करवा दिए जाएंगे।
 
उन्होंने कहा कि उनको संबंधित अधिकारियों द्वारा जान-बूझ कर तंग-परेशान किया जाता है और इस संबंधी वह कितनी बार डायरैक्टर जनरल आफ स्कूल एजुकेशन को भी अवगत करवा चुके हैं परन्तु अभी तक कोई भी सार्थक परिणाम देखने को नहीं मिला।

 

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