AAP नेताओं के तेवर नरम, मामला सुलझने की उम्मीद!

Edited By ,Updated: 04 Mar, 2015 01:58 PM

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आम आदमी पार्टी (आप) नेताओं के आक्रामक रूख में आई नरमी से पार्टी में उठे तूफान के शांत हो जाने के आसार नजर आने लगे थे

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) नेताओं के आक्रामक रूख में आई नरमी से पार्टी में उठे तूफान के शांत हो जाने के आसार नजर आने लगे थे लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पार्टी संयोजक पद से अपने इस्तीफे के बाद इस पर एक बड़ा प्रश्न चिह्न लग गया है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक अब से कुछ देर बाद शुरू होने वाली है और नेताओं के आक्रामक तेवरों में जिस प्रकार से नरमी देखी जा रही है उससे ऐसा लग रहा है कि आरोप-प्रत्यारोप का ये दौर मान-मनौवल के बाद निपट जायेगा।   

दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल इस बात पर जोर दे रहे हैं कि उन्होंने 26 फरवरी को संयाजक पद से जो इस्तीफा दिया था उसे स्वीकार किया जाए। उल्लेखनीय है कि उस दिन राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जब यह इस्तीफा आया था तो इसे सर्वसम्मित से अस्वीकार कर दिया गया था। केजरीवाल तबियत खराब होने के कारण आज की बैठक में भाग नहीं ले रहे हैं। आप के प्रवक्ता आशुतोष ने कहा है कि केजरीवाल अपने इस्तीफे पर अड़े हुए हैं और कार्यकारिणी की बैठक में इस पर विचार हो सकता है। 

उन्होंने कहा कि आप के संविधान में एक व्यक्ति एक पद का कोई प्रावधान नहीं है और पार्टी में कई ऐसे नेता है जो एक से अधिक पदों पर हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेन्द्र यादव ने कहा कि वह न पार्टी तोड़ेंगे, न छोड़ेंगे। पार्टी को सुधारेंगे और खुद भी सुधरेंगे। उन्होंने कहा कि वह पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति में यदि नहीं रहते हैं तो भी पार्टी के लिए काम करे रहेंगे। यादव ने कहा कि सवाल यह नहीं है कि पार्टी का संयोजक कौन है, सवाल यह है कि पार्टी में आतंरिक लोकतंत्र को मजबूत किया जाए। दिल्ली की जनता ने हमें भारी जनमत दिया और हमें उनकी उम्मीदों के अनुरूप काम करना है। 

यादव ने कहा कि यदि मैं राजनीतिक मामलों की समिति के लिए सक्षम नहीं हूं तो मुझे हटा दिया जाना चाहिए। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं पार्टी छोड़ दूंगा। प्रशांत भूषण और उनके परिवार के लोगों पर कड़े प्रहार करने वाले आशिष खेतान ने कहा कि हमारी पार्टी लोकतांत्रिक पार्टी है और पार्टी में हरेक को अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता है। उन्होंने भूषण परिवार पर सार्वजनिक रूप से किए गए हमले को अपनी गलती करार दिया। 

खेतान ने कहा कि भूषण परिवार पर हमला करना उनकी भूल थीं। उन्होंने ट्वीट करके कहा मुझे भूषण पर सार्वजिनक रूप से टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी, हम लोग एक साथ कई लड़ाई लड़े हैं और आगे भी पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करते रहेंगे। 

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