Edited By ,Updated: 05 Mar, 2015 07:30 PM
राज्य आपदा प्रबंधन बोर्ड के उपाध्यक्ष राजेंद्र राणा ने कहा है कि मोदी सरकार आम बजट में आम आदमी के सपने तहस-नहस करने के बाद अब 'कार्पोरेट जगत' को खुश करने के लिए किसानों का गला घोंटने की फिराक में है और भूमि अधिग्रहण विधेयक पूर्णतया 'किसान विरोधी' है।
हमीरपुर: राज्य आपदा प्रबंधन बोर्ड के उपाध्यक्ष राजेंद्र राणा ने कहा है कि मोदी सरकार आम बजट में आम आदमी के सपने तहस-नहस करने के बाद अब 'कार्पोरेट जगत' को खुश करने के लिए किसानों का गला घोंटने की फिराक में है और भूमि अधिग्रहण विधेयक पूर्णतया 'किसान विरोधी' है। गुरुवार को पत्रकार वार्ता में राजेंद्र राणा ने कहा कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश किसानों के लिए काला अध्यादेश से कम नहीं है। उन्होंने कहा यूपीए सरकार के 2013 में लाए गए भूमि अधिग्रहण कानून को हटाकर लाया जा रहा विधेयक 'किसान विरोधी और बीमार सोच वाला' है।
राजेंद्र राणा ने कहा कि लोकसभा चुनावों से पहले मोदी व भाजपा नेताओं ने देश की भोली-भाली जनता को कई सब्जबाग दिखाए थे लेकिन सत्ता के नशे में मोदी सरकार अब आम आदमी को हाशिए पर धकेलने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि अन्य वर्गों के साथ-साथ किसानों को भी चुनावों के दौरान बरगलाया गया था लेकिन अब देश के बड़े औद्योगिक घरानों को खुश करने के लिए मोदी सरकार नया भूमि अधिग्रहण विधेयक ले आई है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक का न केवल भाजपा के सहयोगी दल विरोध कर रहे हैं बल्कि देश के सामाजिक संगठन भी इसके विरोध में खड़े हैं। उन्होंने कहा कि राजहठ व सत्ता के उन्माद में मोदी सरकार यह भूल गई है कि लोगों ने बड़ी आशाओं के साथ मोदी सरकार को प्रचंड बहुमत दिया था और अब आम आदमी खुद को ठगा हुआ पा रहा है।
राजेंद्र राणा ने कहा कि चुनावों से पहले मोदी ने सार्वजनिक मंचों से जनता को यह झांसा दिया था कि केंद्र में एनडीए सरकार बनने पर विदेशों से काला धन 100 दिन में वापस लाकर हर देशवासी के खाते में 10 से 15 लाख रुपए डाले जाएंगे लेकिन अब बुजुर्ग लोग हर दिन बैंकों के चक्कर काटकर अधिकारियों से यह पूछते फिर रहे हैं कि मोदी जी उनके खाते में पैसे कब डलवा रहे हैं। राजेंद्र राणा ने कहा कि भाजपा नेताओं को अब जनता से नजरें चुराने की बजाय जनता को यह बताना चाहिए कि फलां तारीख तक मोदी सरकार उनके अकाऊंट में पैसे जरूर डलवा देगी।